दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागिनों को मांग के बीचों-बीच सिंदूर लगाना चाहिए. इससे पति पर आने वाले संकट एवं अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. एक विवाहित स्त्री के लिए सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व होता है. जिनमें से एक सिंदूर भी शामिल है. ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार मान्यता है कि सिंदूर लगाने के नियमों की अनदेखी आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं . फैशन की दौड़ में खुद को बाकी महिलाओं से आगे दिखाने के लिए एक दूसरे की देखा-देखी अपने बालों में सिंदूर तो लगाती हैं, लेकिन अपने बालों से उस सिंदूर को छिपा लेती हैं. माना जाता है कि मांग में सिंदूर छिपा लेने वाली स्त्री के पति के समाज में मान-सम्मान को हानि पहुंचती हैं.
पंकज पाठक के अनुसार सनातन धर्म में विवाहित महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं. यह सुहाग की निशानी मानी जाती है. भारतीय संस्कृति में सिंदूर लगाने की परंपरा बहुत ही पुरानी है. रामायण से लेकर महाभारत काल तक सिंदूर का जिक्र मिलता है. ये परंपरा आज भी चल रही है. लेकिन आजकल के समय में फैशन के चक्कर में महिलाएं तरह-तरह से सिंदूर लगाती हैं . आज कल हम देखते हैं कि कुछ महिलाएं तो बस नाम के लिए सिंदूर की एक छोटी बिंदी या लकीर खींच लेती हैं.ज्योतिष शास्त्र में यह तरीका बिल्कुल भी सही नहीं माना गया है. ऐसा करने से महिला के पति के जीवन पर नकारात्मक पड़ने के साथ ही घर की सुख-शांति भंग हो सकती है.
सिंदूर लगाते समय रखें इन बातों का ध्यान
पंकज पाठक ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि आज कल महिलाएं नहाने एवं बाल धोने के तुरंत बाद अपने बालों में सिंदूर भर लेती हैं. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से यह बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसा करने से आपके दांपत्य जीवन की सुख-शांति पर बहुत गलत असर पड़ सकता है. सुहागिन महिलाओं को नहाने एवं बाल धोने के कुछ समय बाद ही मांग में सिंदूर लगाना चाहिए. इसके साथ हीशादीशुदा स्त्री को किसी दूसरी महिला के सिंदूर को अपनी मांग में नहीं भरना चाहिए.यह अशुभ माना जाता है. इससे सुहागिन महिला के पति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए नियमों के आधार पर अगर महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं, तो उनका ओर उनके पति का जीवन खुशियों से भरा रहता है.
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FIRST PUBLISHED : March 2, 2024, 12:19 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.