भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: नगदी फसल में फूलों की खेती किसानों के लिए बेहतर विकल्प है. फूलों की खेती कर कम समय में किसान बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. इस मर्म को समझते हुए सीतामढ़ी जिला के बाथनाहा प्रखंड स्थित बैरहागांव में किसान बड़े पैमाने पर फूलों की खेती कर रहे हैं. इस गांव को बिहार के फूलों का गांव कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. यह के 75 फीसदी से अधिक किसान फूलों की ही खेती करते हैं.
किसान तूफानी सिंह ने बताया की यहां के ज्यादातर किसान फूल की ही खेती करते है और इसे बेचकर अपना जीवन यापन करते है. उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व हीं यहां के किसानों ने फूलों की खेती को अपनाया है और इसमें होने वाले मुनाफ़ा को देखते हुए किसान अधिक विस्तार देने में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि यहां अधिकतर किसान गेंदा फूल की ही खेती करते हैं.
10 वर्ष पूर्व ही बैरहागांव में फूल की खेती की हुई है शुरुआत
किसान तूफानी सिंह ने बताया कि बैरहागांव में फूल की खेती की शुरुआत राम ज्ञान सिंह, चंदन सिंह और संतोष सिंह ने किया था. वे कोलकता से गेंदा फूल का बीज मंगवाते थे और आज भी किसान वहीं से बीज मंगवाते है. जब इसकी शुरुआत हुई तो इसमें होने वाले मुनाफे को देखते हुए एक-एक कर गांव के किस फूल की खेती से जुड़ते गए और यह दायरा इतना बढ़ गया कि गांव की पहचान फूलों से होने लगी. ज्यादातर खेतिहर जमीन पर अब फूल की ही खेती होती है. तूफानी सिंह ने बताया कि वह खुद 2.5 एकड़ में फूल की खेती कर रहे हैं.
किसान फूल बेचकर 10 लाख तक की कर रहे हैं कमाई
किसान तूफानी सिंह और संजय सिंह ने बताया कि हर तीसरे 3 दिन एक एकड़ से 2 क्विंटल फूल का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि बैरहागांव सीतामढ़ी जिला हीं नहीं बल्किआस-पास के जिलों के लिए भी फूल का सबसे बड़ा उत्पादक गांव है. यहां से फूल की सप्लाई पटना से लेकर नेपाल तक होती है. यहां के किस ज्यादातर गेंदा फूल की ही खेती करते हैं.
तूफानी सिंह ने बताया कि एक एकड़ से फूल बेचकर साल में 5 से 6 लाख रुपए की कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि इस गांव में कई ऐसे किसान हैं जो 10 लाख तक मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि फूल की खेती साल में तीन बार होती है, जो एक सीजन में एक एकड़ से 2 लाख रुपए की इनकम देती है.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2023, 17:12 IST