Central Board of Film Certification Bribery Case: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) में भ्रष्टाचार और घूस लेने का विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद में अब सेंसर बोर्ड के पूर्व प्रमुख पहलाज निहलानी भी कूद गए हैं। उन्होंने साउथ एक्टर विशाल का समर्थन करते हुए प्रसून जोशी से इस्तीफा मांगा है। हाल ही में एक इंटरव्यू देते हुए निहलानी ने एक्टर विशाल द्वारा सच उजागर करने पर उनकी तारीफ की। साथ ही प्रसून जोशी को आड़े हाथों लिया।
विशाल ने साढ़े 6 लाख रिश्वत लेने के आरोप लगाए
दरअसल तमिल फिल्मों के एक्टर और प्रोड्यूसर विशाल ने सेंसर बोर्ड पर घूस लेने का आरोप लगाया है। विशाल का कहना है कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिन्दी वर्जन को पास कराने के लिए अप्लाई किया था। इसके लिए उन्हें सेंसर बोर्ड को 6.5 लाख रुपये की घूस देनी पड़ी। विशाल ने वीडियो शेयर करके इस मामले को दुनिया के सामने उजागर किया। वहीं मामला सामने आने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए। साथ ही आरोपी पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
बोर्ड में रिश्वत लिए बिना कोई काम नहीं होने के आरोप
पंकज निहलानी का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री की भलाई के बारे में सोचते हुए प्रसून जोशी को इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर वह अपनी इंडस्ट्री की भलाई नहीं कर सकते तो उन्हें पद पर रहने का अधिकार नहीं है। प्रसून अपने ऑफिस में बैठते भी नहीं हैं, क्योंकि उनका सारा काम CO देखते हैं। सेंसर बोर्ड में जो चल रहा है, वह काफी शर्मनाक है। भ्रष्टाचार का खेल काफी लंबे समय से चलता आ रहा है। मुझे पहले भी कई प्रोड्यूसर्स ने भी बताया है कि बोर्ड में रिश्वत लिए बिना कोई काम नहीं होता।
इंडस्ट्री वालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होने की अपील
निहलानी ने बताया कि मेरे एक जानकार ने कन्नड़ मूवी बनाई थी। उन्होंने फिल्म के हिन्दी वर्जन के लिए सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मांगा था, लेकिन बोर्ड उसके आवदेन को बार-बार टाल रहा था। आखिरी में पैसे देने के बाद उसे सर्टिफिकेट मिला था। इस तरह बोर्ड में सरेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। प्रसून जोशी अगर इस मामले में फंस रहे हैं तो उन्हें नैतिकता के आधार पर पद छोड़ ही देना चाहिए। वहीं सेंसर बोर्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को मिलकर सामने आना चाहिए।