फिलिस्तीन में PM समेत पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा: कहा- गाजा में लोग भूखे मर रहे; मीडिया रिपोर्ट्स में दावा- इस्तीफे की वजह अमेरिकी दबाव

वेस्ट बैंक14 घंटे पहले

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मोहम्मद सातायेह मार्च 2019 में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बने थे। - Dainik Bhaskar

मोहम्मद सातायेह मार्च 2019 में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बने थे।

फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह समेत पूरी सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। कतर के मीडिया हाउस ‘अल जजीरा’ के मुताबिक प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह ने कहा- गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी भूख से तड़प रहे हैं। वहां लगातार इजराइली हमले हो रहे हैं। वेस्ट बैंक और यरुशलम में भी हिंसा बढ़ रही है। इसे देखते हुए मैंने इस्तीफा राष्ट्रपति महमूद अब्बास को सौंप दिया है।

अल जजीरा के मुताबिक, मोहम्मद सातायेह का इस्तीफा ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका प्रेसिडेंट अब्बास पर फिलिस्तीन में नया पॉलिटिकल स्ट्रक्चर बनाने का दबाव बना रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल-हमास जंग खत्म होने के बाद फिलिस्तीन राज्य की स्थापना होगी। इस राज्य पर किसका शासन होगा, अमेरिका इसको लेकर इजराइल और फिलिस्तीनी अथॉरिटी से बात कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि यहां शासन के लिए नया पॉलिटिकल स्ट्रक्चर बनाया जाना चाहिए।

7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजराइली सेना लगातार गाजा में हमले कर रही है। इसका असर वेस्ट बैंक में भी हो रहा है। वेस्ट बैंक में 395 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, गाजा में 29 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजराइली सेना लगातार गाजा में हमले कर रही है। इसका असर वेस्ट बैंक में भी हो रहा है। वेस्ट बैंक में 395 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, गाजा में 29 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं, राष्ट्रपति तय करेंगे
फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह के इस्तीफे के बाद अब राष्ट्रपति महमूद अब्बास को तय करना होगा कि क्या वह इस्तीफा स्वीकार करते हैं या नहीं।

दरअसल, फिलिस्तीन अथॉरिटी का राष्ट्रपति ही राज्य का प्रमुख होता है। राष्ट्रपति का चुनाव वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में लोकतांत्रिक रूप से होता है। मौजूदा राष्ट्रपति महमूद अब्बास हैं। वह 2005 से फिलिस्तीन अथॉरिटी की अगुआई कर रहे हैं। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, जो सरकार बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। PM की नियुक्ति राष्ट्रपति के मन मुताबिक होती है। इसके लिए संसद के अप्रूवल की जरूरत होती है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 18 अक्टूबर को जंग के बीच इजराइली PM नेतन्याहू से मुलाकात की थी। दोनों के बीच गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर चर्चा हुई थी।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 18 अक्टूबर को जंग के बीच इजराइली PM नेतन्याहू से मुलाकात की थी। दोनों के बीच गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर चर्चा हुई थी।

PM सातायेह ने गाजा को ‘ब्लड वैली’ नाम दिया था
मोहम्मद सातायेह ने फिलिस्तीन के PM पद पर रहते हुए गाजा को ‘ब्लड वैली’ नाम दिया था। उन्होंने दावा किया था कि 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजराइली हमलों से गाजा में शवों को दफनाने की अब जगह नहीं बची है।

फिलिस्तीनी अथॉरिटी को समझें
फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गवर्निंग बॉडी के रूप में मान्यता हासिल है। PA का नेतृत्व फिलिस्तीनी राष्ट्रपति करते हैं और इसकी एक लेजिस्लेटिव बॉडी है, जिसे फिलिस्तीन लेजिस्लेटिव काउंसिल कहा जाता है।

फिलिस्तीन में दो बड़ी पार्टियां हैं, जिनमें एक हमास और दूसरा फतह है। हमास एक हथियारबंद संगठन है और 2007 से हमास गाजा पट्टी में शासन कर रहा है। वहीं, फतह की अगुआई वाले फिलिस्तीन अथॉरिटी का वेस्ट बैंक और यरुशलम में शासन चलता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है।

फिलिस्तीन अथॉरिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करता है। फिलिस्तीन में राजनीतिक व्यवस्था फिलिस्तीनी अथॉरिटी के तहत चलती है। फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) और इजराइल के बीच ओस्लो समझौते के बाद 1994 में PA को एक इंटरिम एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी के रूप में स्थापित किया गया था।

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