फिरोजाबाद के इस गांव में जन्मे थे बाबा नीम करोली, कोई भक्त नहीं लौटा खाली हाथ

धीर राजपूत/ फिरोजाबाद: हमारा देश विश्व भर में अपनी धार्मिक कथाओं के लिए मशहूर है. इसका एक उदाहरण हैं बाबा नीम करोली महाराज जी, जिन्होंने लोगों को अपने चमत्कारों से हैरान कर दिया. उनका जन्म एक छोटे से फिरोजाबाद गांव में हुआ था, और उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है. उनके भक्त भारत और विदेशों में भी हैं. उनके जन्मस्थल पर एक बहुत ही प्रतिष्ठित और सुंदर मंदिर बने हुए है, यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

बाबा नीम करोली महाराज जी का जन्मस्थान अकबरपुर गांव में स्थित है, जो फिरोजाबाद के हिरणगांव रेलवे स्टेशन के पास है. इसे पुजारी अवधेश शर्मा जी ने स्पष्ट किया है. 1900 के आसपास, एक व्यक्ति नामक लक्ष्मी नारायण शर्मा का जन्म हुआ था, जिन्हें बेहद कम उम्र में ही अलौकिक ज्ञान प्राप्त हो गया था. वे हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे और एक घटना ने उन्हें पूरे देश में प्रसिद्ध कर दिया.

दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस गांव में रहते हुए 17 साल की उम्र में उन्हें अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति हुई, जिसके बाद वह गांव छोड़कर चले गए. पुजारी ने बताया कि एक ऐसी भी मान्यता है कि एक बार टूंडला से फर्रुखाबाद जाते समय बीच रास्ते में ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे में बैठे होने के कारण टिकट निरीक्षक ने उन्हें टिकट न होने पर नीचे उतार दिया था. इसके बाद ट्रेन आगे नहीं बढ़ी, बाद में बाबा नीम करौली से विनती करने के बाद ही ट्रेन आगे जा सकी. इसके अलावा और भी कई चमत्कार बाबा ने दिखाएं हैं, जो दूर-दूर तक प्रसिद्ध है.

हर मंगलवार और शनिवार होती है आरती
मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां महाराज जी की मूर्ति के साथ-साथ हनुमान जी की भी मूर्ति स्थापित हैं. वहीं बाबा को हनुमान जी के अवतार के रूप में भी लोग पूजते हैं. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. यहां रोजाना दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

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