अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: होली से 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है. हिन्दू पंचाग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के आठ दिनों में किसी भी तरह का शुभ काम वर्जित माना जाता है. इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ काम नहीं होते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने लोकल 18 को बताया कि फाल्गुल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तिथि तक का समय होलाष्टक होता है. इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च दिन रविवार से शुरू हो रहा है जो 24 मार्च को होलिका दहन तक रहेगा.
क्या है होलाष्टक का अर्थ?
ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि होलाष्टक दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है.होली और अष्टक जिसका अर्थ है होली के आठ दिन. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय में इस समय में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, राहु और शनि सहित दूसरे ग्रह परिवर्तन के दौर से गुजरते हैं. ग्रहों के अस्थिरता के कारण इस समय को किसी भी शुभ काम के लिए अच्छा नहीं माना जाता. कहा जाता है या समय में यदि कोई भी शुभ काम किए जाए तो परेशानी का सबब बन सकता है.
भूलकर भी न करें ये काम
स्वामी कन्हैया महाराज ने लोकल 18 को बताया कि होलाष्टक के 8 दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, नए व्यवसाय की शुरुआत जैसे शुभ काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं नए जमीन की खरीद और रजिस्ट्री से भी इस समय में लोगों को बचना चाहिए. सोना चांदी भी खरीदना इस समय में अच्छा नहीं माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 18:32 IST
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