नई दिल्ली:
इज़रायल-हमास जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक एग्जीक्यूटिव आर्डर जारी किया है, जो सीधे तौर पर वेस्ट बैंक में बसे उन इज़रायली सेटलर्स के ख़िलाफ़ है, जो फिलिस्तीनियों पर हमले कर उनकी जान ले रहे हैं. अमेरिका ने उनपर कठोर पांबदी लगाने का फ़ैसला किया है. ये फैसला अपने आप में काफ़ी अहम है. व्हाइट हाउस की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका राष्ट्रपति को पता चला है कि वेस्ट बैंक में चरमपंथी सेटलर्स भारी हिंसा में शामिल हैं, वह लोगों को घर और गांव छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये सब बर्दाश्त के बाहर हो गया है, इससे ग़ाज़ा और वेस्ट बैंक के साथ-साथ इज़रायल और पूरे मध्य पूर्व शांति और स्थिरता को भारी ख़तरा है.
यह भी पढ़ें
ये भी पढ़ें-हमास के खिलाफ ऑपरेशन : कैसे महिलाओं के भेष में अस्पताल में घुसे इजरायली कमांडो!
“वेस्ट बैंक में हिंसा से US के हितों को हो रहा नुकसान”
बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति के हवाले से ये भी कहा गया है कि अमेरिका इज़रायल और फिलस्तीन विवाद के मद्देनज़र दो राष्ट्र समाधान का पक्षधर है, लेकिन जिस तरह से वेस्ट बैंक में हिंसा की जा रही है उससे अमेरिका के शांति की कोशिशों और हितों को चोट पहुंच रही है. इसलिए वह ऐसे ख़तरों से निपटने के लिए नेशनल इमरजेंसी की घोषणा करते हैं.
ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है कि अमेरिका ने वेस्ट बैंक में बसे इज़रायलियों के ख़िलाफ़ इतना कठोर क़दम उठाया है. ऐसे में चार इज़रायलियों के ख़िलाफ़ आर्थिक और वीज़ा की पाबंदी भी लगा दी गई है. पाबंदी लगाए गए इजरायली नागरिकों के नाम डेविड चाई चसडाई, ऐनान तांजिल, शलोम ज़िकेरमैन और यीनोन लेवी हैं, इन सबको फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का दोषी पाया गया है. हिंसा की इन घटनाओं में फिलिस्तीनियों की जान भी गई है.
4 इजरायलियों की संपत्तियों को जब्त करना का आदेश
अमेरिका ने अपने नियंत्रण वाली जगहों पर मौजूद इन चारों इजरायली नागरिकों की संपत्तियों को ज़ब्त करने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही इन नागरिकों के लिए किसी भी तरह की वित्तीय मदद पर पाबंदी लगा दी गई है. अभी बेशक सिर्फ़ 4 इज़रायलियों के ख़िलाफ़ सीधी कार्रवाई को गई हो लेकिन अमेरिका ने इसके ज़रिए एक गंभीर चेतावनी दी है, ताकि फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ हिंसा रुक सके. बता दें कि इज़रायल-हमास जंग में अमेरिका सीधे तौर पर इज़रायल के साथ खड़ा रहा है. अमेरिका यहूदी देश को हथियार से लेकर हर तरह की मदद दे रहा है. दूसरी तरफ़ ग़ाज़ा में जिस बड़ी तादाद में फिलिस्तीनियों की मौत हो रही है, उससे तमाम सवाल उठ रहे हैं.
चुनावी साल में छवि बचाने की कोशिश में अमेरिका
वेस्ट बैंक की हिंसा में भी फिलिस्तीनियों की जान जा रही है. ऐसे में अमेरिका की छवि को भारी नुकसान पहुंच रहा है.एकतरफा इजरायल के पक्ष में खड़े होने की वजह से अरब देश अमेरिका की बात नहीं सुन रहे हैं. दूसरी तरफ़ जो बाइडेन घरेलू तौर पर भी घिरे हुए हैं. फिलिस्तीनियों के समर्थन में अमेरिका में बड़े-बड़े प्रदर्शन हुए और उनके अधिकारों की रक्षा और इज़रायल के हमलों को रोकने की मांग की गई. ये अमेरिका में चुनावी साल है और ऐसे में जो बाइडेन अपना राजनीतिक नुकसान नहीं चाहते, ये भी वजह है कि उन्होंने इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को जारी किया है.
ये भी पढे़ं-Budget 2024: खुशखबरी… वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को दी बड़ी राहत