फसल देखकर भाग्य नहीं… खुद पर रखे भरोसा, बस करें ये काम, सोना उगलेगी खेती

मोहन प्रकाश/सुपौल. दिन-रात मेहनत करने के बाद भी अगर आपकी खेत से अच्छी पैदावार नहीं हो रही है, तो भाग्य को कोसने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अच्छी पैदावार के लिए सिर्फ समय-समय पर फसलों में पटवन और खाद की ही जरूरत नहीं होती है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी की भी जरूरत होती है. अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है, तो बस यह काम कर लें. इसके बाद आपके खेत में भी फसल लहलहाने लगेंगी. जी हां, आपके जिले में भी कृषि विभाग की मिट्टी जांच प्रयोगशाला है, जहां से आप फ्री में मिट्टी की जांच करवा सकते हैं.

जिस तरह से इंसान को स्वस्थ रहने के लिए उचित मात्रा में सभी तरह के विटामिन समेत अन्य पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह से खेत के स्वस्थ रहने के लिए भी सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है. सुपौल जिले के कृषि कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक अनुसंधान पदाधिकारी अशोक कुमार बताते हैं कि बेहतर उपज पाने के लिए समय-समय पर मिट्टी की जांच जरूरी होती है, ताकि मिट्‌टी में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाया जा सके. इस रिपोर्ट के आधार पर खेत में उचित मात्रा में खाद का इस्तेमाल कर बेहतर उपज प्राप्त की जा सकती है. वे बताते हैं कि मिट्टी की जांच कराने से खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के साथ लवणों की मात्रा की जानकारी मिलती है. इससे मिट्टी के पीएच स्तर का भी पता लग जाता है.

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इस तरह से जमा करें मिट्टी का सैंपल
मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक अनुसंधान पदाधिकारी अशोक कुमार बताते हैं कि किसी भी खेत की मिट्टी की जांच फसल कटने के बाद और जोतने से पहले होती है. इसके लिए एक प्लॉट से पांच स्थानों से मिट्टी का सैंपल लेना होता है. चार सैंपल चारों कोण से और एक सैंपल प्लॉट के बीच से लेना है. कुमार बताते हैं कि इस मिट्टी को कागज या प्लास्टिक पर रखकर छांव में फैलाकर सूखा लें. मिट्टी के सूखने के बाद तीन बार-चार हिस्से में बांटकर इसमें से दो हिस्से हटा लें. यह प्रक्रिया तीन बार करना है. तीसरी बार में बचे दो हिस्सों की 400 ग्राम मिट्टी को जांच प्रयोगशाला लाना होता है. श्री कुमार की माने तो प्रयोगशाला में एक सैंपल की जांच करने में 12-12 घंटे के अंतराल पर तीन से चार घंटे लगते हैं. जांच के बाद कार्यालय से 10 दिनों के बाद रिपोर्ट दे दी जाती है.

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