फल नहीं यहां बिकता है सेब का मुरब्बा, स्वाद के साथ है सेहत का खजाना

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. आपने आंवले का मुरब्बा तो खाया होगा, लेकिन क्या कभी आपने सेब को रसीले मुरब्बे के रूप में खाया है. सुबह सबेरे खाली पेट सेब का इस्तेमाल तो सब करते हैं, लेकिन इसे मुरब्बे के रूप में कितने लोगों ने खाया होगा. आज हम आपको इसी खास मुरब्बे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे कोलकाता की गलियों से लाकर कुछ व्यापारी बिहार के मेले में बेच रहे हैं. खास बात यह है कि यह व्यापारी मुरब्बे की कुल 11 वेराइटीज को बेचता है. जिसमें सबसे खास मुरब्बा सेब का है.

11 प्रकार के बनाते हैं मुरब्बे

पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय के बेतिया में बड़ा मेला लगा हुआ है. यह मेला बेतिया राज की प्रॉपर्टी पर लगने वाले फैंसी मेले के नाम से विख्यात है. इसमें व्यापार के लिए देश के अलग- अलग राज्यों से व्यापारी एक से बढ़कर एक चीजों का संग्रह लाए हैं. इन्हीं में से एक व्यापारी कोलकाता से आकर तरह-तरह के रसीले मुरब्बे की बिक्री कर रहे हैं. खास बात यह है कि इनके पास कुल 11 प्रकार के मुरब्बे हैं, जिनमें से सबसे खास सेब का मुरब्बा है. मुख्य रूप से इसे बिहार के बड़े शहरों, बंगाल और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में बनाया जाता है. इसकी कीमत 300 रुपए प्रति किलो तक होती है.

एक दिन में तैयार होता है 8 क्विंटल मुरब्बा

व्यापारी नंदकिशोर ने बताया कि मुरब्बा बनाने का काम वे पिछले 40 वर्षों से करते आ रहे हैं. कोलकाता में उनकी खुद की फैक्ट्री है, जहां अचार, चिप्स, पापड़ और मुरब्बे बड़े स्तर पर बनाए जाते हैं. एक दिन में करीब 7 से 8 क्विंटल मुरब्बा तैयार हो जाता है, जिसे बंगाल, बिहार सहित अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता है. खास बात यह है कि बल्क में तैयार ये मुरब्बे आसानी से 2 वर्षों तक खाने लायक रहते हैं.

20 घंटे तक चलती है तैयार करने की प्रक्रिया

सेब के मुरब्बे को बनाने के लिए सबसे पहले सेब के छिलके उतार कर उसे गोद लिया जाता है. इसके बाद उसे ताजे पानी और चूने के साथ 5 से 6 बार धोया एवं साफ किया जाता है. फिर उसे उबाल कर उससे गंदगी को निकालने के लिए दूध और हल्की मात्रा में सोडियम का इस्तेमाल किया जाता है. कई घंटे के इस प्रोसेस के बाद अंत में उसे चीनी एवं अन्य चीजों से तैयार चाशनी में डूबोया जाता है और घंटों इसमें छोड़ा जाता है. इस प्रकार करीब 20 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद लाजवाब रसीले मुरब्बे बन कर तैयार हो जाते हैं.

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