IG PK Yadav Bribery Case: पंजाब के फरिदकोट के बाबा दयालदास मर्डर केस के रिश्वतकांड में नया मोड़ आया है। केस अब आईजी पीके यादव भी फंस गए हैं जिनके नाम पर 50 लाख की रिश्वत मांगी गई थी। आईजी पीके यादव के खिलाफ विजिलेंस को कई पुख्ता सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर विजिलेंस टीम में उनके खिलाफ केस दर्ज कर सकती हैं। बता दें कि दयालदास हत्याकांड मामले में फरीदकोट के आईजी पीके यादव के नाम पर 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी, जिसमें 20 लाख रूपए उन्होंने वसूले भी गए थे। विजिलेंस टीम की जांच के मुताबिक आईजी पीके यादव और उनके नीचे काम करने वाले अधिकारियों ने मिलकर ये पूरा रिश्वत वाला खेल खेला था।
विजिलेंस टीम के अनुसार उन्हें आईजी के मोबाइल कॉल्स से कई महत्वपूर्ण जानकरियां मिली है। इसके अलावा ऑडियो रिकार्डिंग भी सामने आई है, साथ ही इस केस में नामजद मलकीत दास सरकारी गवाह बन गया है। इसके बायन से पूरी कहानी शीशे की तरह साफ हो गई है।
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ये है मामला
बता दें कि ये मामला साल 2019 का है। दरअसल, मोगा के गांव कोटसुखिया में 7 नवंबर, 2019 में डेरा प्रमुख बाबा दयालदास पर गोलियों से फायरिंग गई, इस हमले में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी जरनैल दास को जांच में क्लीन चिट मिल गई थी। जिसको लेकर केस की दोबारा जांच की मांग हुई। ये मांग शिकायतकर्ता बाबा गगन दास ने की थी। जिसके बाद उस समय एसपी गगनेश कुमार के नेतृत्व में एसआईटी ने शिकायतकर्ता बाबा गगन दास की बात तत्कालीन फरीदकोट आईजी प्रदीप कुमार यादव से करवाई। फिर आईजी के नाम पर 50 लाख की रिश्वत मांग की गई। मौलभाव करने के बाद 35 लाख में सौदा तय हुआ। जिसमें से शिकायतकर्ता ने 20 लाख दे दिये थे। रिश्वत लेने बाद भी जब कार्रवाई नहीं, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने अपने पैसे वापस मांगे, जाहिर है उसे पैसे नहीं मिले। इसके बाद उसने पंजाब के डीपीजी से इसकी शिकायत की।
आरोपियों के खिलाफ केस
डीपीजी से शिकायत के बाद रिश्वत का ये खेल सामने आया। जांच के बाद एसपी गगनेश कुमार, डीएसपी सुशील कुमार और आईजी के ऑफिस के एसआई खेमचंद पराशर सहित दो और लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। जिसकी जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस को सौंपी गई।