महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों ने 50 से 55 लोगों की पहचान की है जो मौजूदा मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
फडणवीस के पास गृह विभाग भी है। उन्होंने आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा और आगजनी की निंदा की, जिन्होंने सोमवार को बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में आंदोलन के दौरान तीन विधायकों के अलावा कुछ स्थानीय नेताओं के आवासों या कार्यालयों को निशाना बनाया और एक नगर परिषद भवन में आग लगा दी।
उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिन प्रदर्शनकारियों ने बीड जिले में एक घर में आगजनी की कोशिश की, जहां परिवार के सदस्य भी मौजूद थे, उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जाएगा।
फडणवीस ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसक घटनाओं में शामिल 50 से 55 लोगों की पहचान की है। उन्होंने कुछ खास लोगों और एक खास समुदाय के सदस्यों के घरों पर हमला किया। कुछ विधायकों के घरों में आग लगा दी गई और होटलों के साथ-साथ कुछ संस्थानों को भी निशाना बनाया गया। यह बिल्कुल गलत है।’’
फडणवीस ने कहा कि सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और उपद्रवियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक घर को जलाने का प्रयास किया गया जब परिवार के कुछ सदस्य अंदर थे। मामले में पुलिस और गृह विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। दोषियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप लगाए जाएंगे। पुलिस मूकदर्शक नहीं बनी रहेगी।’’
फडणवीस ने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध करने वालों को कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन किसी भी रूप में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक प्रकाश सोलंकी और संदीप क्षीरसागर को आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जिन्होंने बीड जिले में उनके घरों को आग लगा दी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की।
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