प्रॉपर्टी में निवेश करना आसान होगा: सेबी ने नए नियमों को मंजूरी दी, शेयर बाजार में मार्च से सेम डे ट्रेड सेटलमेंट भी लागू होगा

मुंबई18 मिनट पहले

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मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी बोर्ड ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट रेगुलेशन (REIT) 2014 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। छोटे और मध्यम REITs के लिए नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने के लिए यह मंजूरी दी गई है। शनिवार को सेबी की बोर्ड मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने ये जानकारी दी।

नए नियमों के बाद REITs लाने के लिए कंपनी के पास एसेट वैल्यू मिनिमम 50 करोड़ रुपए होनी चाहिए। पहले ये 500 करोड़ रुपए थी। REITs एक कंपनी/ट्रस्ट है जो इनकम जनरेट करने वाली रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज की मालिक होती है और उन्हें मैनेज भी करती है। निवेशक REITs में शेयर खरीद सकते हैं, और बदले में, उन्हें इन प्रॉपर्टीज से मिलने वाली रेंटल इनकम का एक हिस्सा मिल जाता है।

REITs स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होते हैं
सीधे शब्दों में कहें तो REITs निवेशकों को फिजिकल प्रॉपर्टी के स्वामित्व के बिना रियल एस्टेट में निवेश करने और कमाई करने का मौका देता है। REITs स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होते हैं, जिससे निवेशकों के लिए अपने शेयर खरीदना और बेचना आसान हो जाता है।

निवेशकों के पैसों का इस्तेमाल प्रॉपर्टी खरीदने में होता है
REITs निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं और उस पैसे का इस्तेमाल इनकम जनरेटिंग प्रॉपर्टीज खरीदने के लिए करते हैं। फिर इन प्रॉपर्टीज को किराएदारों को लीज पर दिया जाता है, और किराए की आय निवेशकों को डिविडेंड के रूप में वितरित की जाती है। REITs को अपनी किराए की आय का कम से कम 90% निवेशकों को वितरित करना आवश्यक है।

सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के नियमों को आसान बनाया
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के लिए भी नियमों को आसान बना दिया है। NGO जैसी नॉट फॉर प्रॉफिट एंटीटी पहले मिनिमम 1 करोड़ रुपए रेज कर सकती थी। इसे अब घटाकर 50 लाख कर दिया गया है। इसके अलावा लोगों के पार्टिसिपेशन को बढ़ाने के लिए मिनिमम एप्लीकेशन साइज को 2 लाख रुपए से घटाकर 10,000 रुपए कर दिया है।

फंड रेज करने के लिए ये एंटीटी जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल बॉन्ड (ZCZP) जारी करती है। इसे ZCZP इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें इंटरेस्ट नहीं मिलता और ना ही प्रिंसिपल अमाउंट होता है। ये पूरी तरह से डोनेशन के लिए होते हैं। सोशल स्टॉक एक्सचेंज यानी SSE मौजूदा स्टॉक एक्सचेंजेज पर ही सेपरेट सेंगमेंट है। सोशल कॉज के लिए इसे शुरू किया गया है।

2024 से सेम डे ट्रेड सेटलमेंट लागू होगा
सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने ये भी बताया कि मार्च 2024 सेम डे ट्रेड सेटलमेंट लागू हो जाएगा। इसके लिए लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। वहीं तुरंत सेटलमेंट के लिए एक ऑप्शनल पैरलल सिस्टम भी बनाया जा रहा है। यानी पैसे और तुरंत अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। ये साल 2025 तक लागू होगा।

ट्रेड सेटलमेंट को लेकर अभी T+1 नियम लागू है। इसमें डील्स का सेटलमेंट कारोबारी दिन यानी ट्रेडिंग डे के एक दिन बाद होता है। यानी कि अगर आप आज कोई भी शेयर खरीदते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में कल क्रेडिट होगे। इसी तरह अगर आज कोई शेयर बेचतें हैं तो उसका पूरा पैसा कल ट्रेडिंग अकाउंट में क्रेडिट होगा।

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