प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं की एक गलती खून को बना देती है पानी! बच्‍चे को भी होता है नुकसान, डॉ. मंजू पुरी ने दी सलाह

हाइलाइट्स

भारत में आधी से ज्‍यादा महिलाओं की आबादी खून की कमी से जूझ रही हैं.
नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे के मुताबिक महिलाओं से भी ज्‍यादा 6 महीने से 5 साल के बच्‍चे एनीमिक हैं.

Iron Deficiency Anemia in pregnant women: प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं को अपना ज्‍यादा ध्‍यान रखने की जरूरत होती है क्‍योंकि उस वक्‍त वे सिर्फ अपना नहीं बल्कि अपने गर्भ में पल रहे नन्‍हे शिशु का भी ध्‍यान रख रही होती हैं. यही वजह है कि गर्भावस्‍था शुरू होते ही महिलाओं को पॉष्टिक खाने से लेकर ज्‍यादा लिक्विड पीने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं बच्‍चे और मां की शारीरिक जरूरतों को देखते हुए कुछ सामान्‍य दवाएं भी दी जाती हैं.

आमतौर पर प्रेग्‍नेंसी में फॉलिक एसिड या आयरन और कैल्शियम की दवाएं खाने के लिए दी जाती हैं. हालांकि कई बार प्रेग्‍नेंट महिलाएं इन दवाओं को लेने में ऐसी गलतियां कर देती हैं, जिसकी वजह से न केवल उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है बल्कि इससे उनके पेट में पलने वाले बच्‍चे को भी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

महिलाओं में खून कम बनने की समस्‍या एनीमिया में होती है. प्रेग्‍नेंट महिलाओं को उनके और बच्‍चे दोनों के लिए खून की जरूरत होती है, यही वजह है कि उन्‍हें आयरन या फॉलिक एसिड की गोलियां प्रेग्‍नेंसी के पहले ट्राइमेस्‍टर से ही दी जाती हैं, ताकि शरीर में ब्‍लड की पर्याप्‍तता रहे लेकिन एक गलती की वजह से ये गोलियां अपना पूरा असर नहीं दिखा पाती हैं और इन्‍हें खाने के बाद भी शरीर में खून नहीं बनता है. साथ ही बच्‍चे में भी खून की कमी हो जाती है.

नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ दिल्‍ली चेप्‍टर की अध्‍यक्ष और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में गायनेकोलॉजी एंड ऑब्‍स्‍टेट्रिक्‍स विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ. मंजू पुरी बताती हैं कि देश में महिलाओं की एक बड़ी आबादी एनीमिया से जूझ रही है. नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे-5 के अनुसार 15 से 49 साल की 52.2 फीसदी महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं. वहीं 6 महीने से लेकर 5 साल तक के 67.1 फीसदी बच्‍चे एनीमिक हैं. देश में छोटी उम्र में यानि 15 से 19 साल की 59 फीसदी महिलाएं एनीमिक हैं. ऐसा सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं है, बल्कि पढ़े लिखे शहरी समाज में भी महिलाओं और बच्‍चों में खून की कमी है.

प्रेग्‍नेंट महिलाएं क्‍या करती हैं गलती..
डॉ. मंजू पुरी कहती हैं कि लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज और कलावती सरन बाल चिकित्सालय में हर महीने 1000 महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं. इनमें से अधिकांश में खून की कमी पाई गई है. जब महिलाओं से बातचीत की गई तो पता चला कि अधिकांश महिलाएं प्रेग्‍नेंसी के दौरान आयरन और कैल्शियम की गोलियों को लेने में बड़ी गलती करती हैं. ये दोनों गोलियों को एक साथ खा लेती हैं. जबकि ऐसा करने से शरीर में आयरन का अब्‍जॉर्प्‍शन नहीं हो पाता है और आयरन की गोली बेअसर हो जाती है. इससे शरीर को आयरन नहीं मिलता और ब्‍लड नहीं बन पाता. लिहाजा ये महिलाएं एनीमिक हो जाती हैं.

कैसे लेनी चाहिए आयरन-कैल्शियम की गोलियां..

डॉ. मंजू पुरी कहती हैं कि हमेशा कैल्शियम और आयरन की गोलियों को अलग-अलग खाना होता है. कैल्शियम की गोली को हमेशा खाने के साथ लेना होता है लेकिन आयरन की गोली को खाने के 2 घंटे बाद लेना चाहिए. अगर आप दिन में एक बार ये गोलियां ले रहे हैं तो कोशिश करें कि ब्रेकफास्‍ट या लंच के साथ और लंच के बाद इन गोलियों को लें. रात में भी इन गोलियों को इसी तरह ले सकते हैं.

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