राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) दो सीट वाले प्रशिक्षक विमान ‘हंसा-न्यू जनरेशन’ के लिए निर्माण साझेदार का नाम संभवत: एक महीने में तय कर लेगी। एनएएल के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एनएएल में ‘सिविल एयरक्राफ्ट’ कार्यक्रम के निदेशक सी एम आनंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बेंगलुरु स्थित एनएएल द्वारा किए गए बाजार के एक अध्ययन से पता चला है कि अगले पांच से 10 साल में भारत में ऐसे लगभग 400-500 विमानों की मांग हो सकती है।
एनएएल की ओर से विकसित हंसा-एनजी में एक अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट, एक रोटैक्स-912आईएससी स्पोर्ट इंजन और मोड़े जा सकने योग्य आगे का पहिया है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्नत प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से निर्मित यह विमान उपकरण उड़ान नियमों (आईएफआर) के अनुरूप है, इसमें बेहतर वायुगतिकीय विशेषताएं है और इसकी रेंज भी अपेक्षाकृत अधिक है।
आनंद के मुताबिक, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का घटक एनएएल विमान के निर्माण के लिए निर्माण साझेदार का नाम तय करने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने बताया कि निर्माण क्षमताओं और अन्य मापदंडों के आधार पर चिह्नित किए गए संभावित साझेदारों के साथ बातचीत जारी है और एक और महीने में साझेदार का नाम तय कर लिया जाएगा।
आनंद ने कहा, ‘‘निर्माण कंपनियों के भी कई सवाल हैं, जिनके जवाब दिए जा रहे हैं।
हम पिछले छह महीने से काम कर रहे हैं। काम लगभग पूरा हो गया है, इसलिए हमें भरोसा है कि एक और महीने में हम साझेदार का नाम तय कर लेंगे। हम (जनवरी में हैदराबाद में आयोजित होने वाले) ‘विंग्स इंडिया-2024’ कार्यक्रम में साझेदार की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं। यह अवसर इस घोषणा के लिए उपयुक्त है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय ‘हंसा-न्यू जनरेशन’ के अपने दूसरे विमान का निर्माण कर रहे हैं, जो जनवरी तक तैयार हो जाएगा और हम ‘विंग्स इंडिया 2024’ कार्यक्रम में नये विमान को उड़ाने की योजना बना रहे हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।