पटना. 4 राज्यों के चुनावी नतीजों पर प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है. पीके ने नतीजों को लेकर वो चार कारण भी बताये जिससे बीजेपी सभी पर भारी पड़ी. प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी के ग्राफ के ऊपर-नीचे होने से मत नहीं मिलता है बल्कि BJP को वोट मिलने के चार प्रमुख कारण हैं, जिसे कांग्रेस को समझना होगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ आरोप लगा देने भर से जनता किसी को वोट नहीं देती है.
दरअसल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में बीजेपी की जीत पर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं. कोई इसे मोदी की गारंटी तो कोई INDIA गठबंधन और मुख्य रूप से कांग्रेस की असफलता बता रहा है. इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने स्पष्टता से अपनी राय रखी है. प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा को जो भी दल हराना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले ये समझना होगा कि उनकी ताकत क्या है ? बीजेपी को वोट लोग क्यों देते हैं ? जब तक आप उसकी ताकत को समझकर उससे बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब लोग आपको वोट क्यों देंगे ? बीजेपी को जो वोट मिलता है, वो मोदी के ग्राफ के ऊपर-नीचे होने से नहीं मिलता है.
प्रशांत किशोर कहते हैं कि बीजेपी को वोट मिलने के चार कारण हैं, पहला- हिंदुत्व जो उनकी एक विचारधारा है, इससे जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा वर्ग बीजेपी को इसलिए वोट करता है, क्योंकि उन्हें बीजेपी के हिंदुत्व वाली विचाराधार पर यकीन है. दूसरा, जो न्यू राष्ट्रवाद की बात शुरू हो गई है, जो गांव-देहात में आप सुनते हैं कि भारत विश्वगुरु बना गया है, पूरे विश्व में भारत की शान मोदी ने बढ़ा दी है. ये जो सारी बातें हैं, पुलवामा के बारे में आपने सुना होगा, इस राष्ट्रवाद की भावना की वजह से भी बीजेपी को वोट मिलता है.
प्रशांत किशोर आगे दो और वजहों को भी बताते हुए कहते हैं कि बीजेपी की जीत का तीसरा कारण है एक बहुत बड़ा वर्ग केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों का है, चाहे वो किसान स्वनिधि योजना हो, आवास योजना हो, जिसकी धनराशि सीधे केंद्र सरकार लाभार्थियों को भेज रही है. चौथा, जो बीजेपी का अपना संगठन है, उसकी जो संगठनात्मक और आर्थिक ताकत है उससे भी बहुत फर्क पड़ता है. प्रशांत किशोर ने चौथी वजह बताई कि बीजेपी के संगठन की जितनी ताकत है उसके मुकाबले में अन्य पार्टियों का संगठन बेहतर होना चाहिए.
पीके ने बताया कि जब तक इन चार में से तीन पर कम से कम आप बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आपको दस में से सात या आठ चुनावों में हार का सामना करना होगा. एक दो जगह जहां जीत हासिल हो भी जाती है, उसका कोई बहुत असर नहीं है. भाई ! लोगों को लग रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना जीत गई, तो उनको मैं बता दूं कि ये वोट कांग्रेस को नहीं मिला है, ये वोट वहां की तत्कालीन सरकारों के खिलाफ है. लोग केसीआर के खिलाफ वोट करना चाहते थे. वहां दल के रूप में कांग्रेस ही है, तो कांग्रेस को ही वोट दिया. ये इनकंबेंसी का वोट है. अगर जहां आपकी सरकार है और लोग आपको चुनें तो फिर वो बात है.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 16:43 IST