रिपोर्ट- रजनीश यादव
प्रयागराज. हिंदू धर्म प्रकृति उपासक है. हमारे यहां पेड़ पौधों-नदी-पहाड़, जीव-पशुओं सबकी पूजा की जाती है. आधुनिक जमाने और छोटे होते घरों में इतने सारे और बड़े पेड़ लगाना संभव नहीं. इसलिए नयी पीढ़ी को इसका महत्व कैसे समझाया जाए. धार्मिक नगरी प्रयागराज में एक पहल की गयी है. यहां एक पार्क बनाया गया है. इसमें वो पेड़ लगाए गए हैं जिनकी पूजा हम करते हैं. इनके पौराणिक, बॉटेनिकल और नक्षत्र के नाम भी इनके सामने लिखे गए हैं.
प्रयागराज पार्क का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क अब एक और कारण से पहचाना जाने लगा है. ये वही चंद्रशेखर पार्क है जिसे पहले अल्फ्रेड पार्क कहा जाता था. इस पार्क की प्रसिद्धि चंद्रशेखर आजाद के यहां बलिदान की वजह से थी. अब इस पार्क में एक नक्षत्र वाटिका बनाई गई है जिसमें 27 तरह के वो पेड़ लगाए गए हैं जिनकी हिंदू धर्म में पूजा की जाती है.
परिधि में परिक्रमा
राजकीय उद्यान चंद्रशेखर आजाद पार्क की उपाधीक्षक पवन पांडे बताते हैं यहां एक गोलाकार परिधि में पार्क बनाया गया है. इसे नक्षत्र वाटिका कहा जाता है. इसमें धार्मिक महत्व रखने वाले 27 प्रकार के पौधों को लगाया गया है. इनका अपना धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महत्व है.
हर पेड़ का पौराणिक नाम
नक्षत्र वाटिका में जो 27 प्रकार के पौधे लगाए गए हैं उनके बॉटेनिकल नाम के साथ पौराणिक नाम भी अंकित किए गए हैं. लोगों की आस्था है कि इस नक्षत्र वाटिका की परिक्रमा करने से धन वैभव और शांति मिलती है. इसका धार्मिक महत्व होने के कारण ही इसे गोलाकार परिधि में बनाया गया. साथ ही एक बड़ा सा बोर्ड है. उस पर पेड़ों के नाम के साथ उनसे संबंधित देवता के बारे में भी बताया गया है.
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नक्षत्र वाटिका में 27 पेड़
बेल (अश्विनी ), बेल (भरनी), जामुन (कृतिका), बॉस (रोहिणी),चंदन (आदरा ), शमी( पुनर्वास), पीपल (पुष्य), (चंपा) अश्लेषा, बरगद (माघ), पलाश( पूर्व फाल्गुनी), रुद्राक्ष (उत्तर फाल्गुनी ), चंदन (चित्र ), अर्जुन( स्वामी ),रीता (विशाखा), मौलश्री (अनुराधा ), नीम( जेस्ट), बाबुल (मूल), खमीर (पूर्वाषाढ़ ), पीपल (उत्तरासन) हर्रा (पूर्वभाद्रपद), शीशम (उत्तरभाद्रपद), महुआ (रेवती). इनमें से कुछ पौधे राशि के अनुसार होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 23:42 IST