प्रभासाक्षी के 22वें वर्षगांठ पर विचार संगम का आयोजन, दिग्गजों ने रखी अपनी बात

प्रभा साक्षी के 22वें वर्षगांठ पर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र से जुड़ी नामी हस्तियों ने हिस्सा लिया इस दौरान देश दुनिया के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया. कार्यक्रम की शुरुआत जेवर विधानसभा के विधायक के ठाकुर धीरेंद्र सिंह के संबोधन से शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे जेवर अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर उभरा है। वहां के लोगों के लिए किस तरीके से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एक एयरपोर्ट की वजह से जेवर की किस्मत पूरी तरीके से बदल चुकी है. वहीं, आईपीसी और सीआरपीसी को बदलने से क्या होगा लाभ, इस विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने साफ तौर पर कहा कि हमें पुराने कानून को बदलना होगा. तभी हम विकसित भारत की कल्पना कर सकते हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुगलों ने तलवार के दम पर और अंग्रेजों ने कानून बदलकर इस देश को लूटा है.

राम मंदिर कैसे बनेगा राष्ट्र मंदिर विषय पर धर्मगुरु साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि यह हम सभी के लिए हर्ष की बात है कि हमारे जीवन काल में राम मंदिर बन रहा है. उन्होंने कहा कि देश हिंदू बहुसंख्यक है और इसी के अनुसार  राम मंदिर बनाने के अधिकार मिले हैं. कार्यक्रम में किसानों के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए. उन्होंने किसानों के मन की बात की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कर्ज माफी से किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा.

उन्होंने खुद के चुनाव लड़ने पर कहा कि यह संभव नहीं है. इसके साथ ही अग्निवीर योजना पर उन्होंने तंज कसा और कहा कि पॉलिटिकल रोजगार भी 4 वर्षों के लिए ही होना चाहिए.

मोदी सरकार से जुड़ी आर्थिक नीतियों से संबंधित विषय पर भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने मोदी सरकार की नीतियां बताई। उन्होंने कहा कि हमें विश्व गुरु बनने के लिए आर्थिक महाशक्ति बनना होगा। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उसे दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। कार्यक्रम के आखिरी सत्र को जाने माने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें सेकुलरिज्म का चोला सबसे पहले फेंकना होगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां मुसलमानों की आबादी बड़ी है वहां हिंदुओं को अपने मौलिक अधिकारों के लिए इस देश में लड़ना पर रहा है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के साथ-साथ मथुरा मामले को लेकर भी सुनवाई जारी है और हम लगातार अपना पक्ष मजबूती से रख रहे हैं।

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