प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को बयान में कहा कि 2003 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में वीजीजीएस की परिकल्पना की गई थी. आज वीजीजीएस समावेशी वृद्धि और सतत विकास के लिए व्यापक सहयोग, ज्ञान साझाकरण और रणनीतिक साझेदारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंचों में से एक के रूप में विकसित हुआ है.
इस वर्ष सम्मेलन में 34 भागीदार देश और 16 भागीदार संगठन भाग ले रहे हैं. इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए वाइब्रेंट गुजरात मंच का उपयोग करेगा.
शिखर सम्मेलन उद्योग 4.0, प्रौद्योगिकी और नवाचार, सतत विनिर्माण, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक परिवहन और नवीकरणीय ऊर्जा और स्थिरता की ओर बदलाव-जैसे विश्वस्तरीय प्रासंगिक विषयों पर सेमिनार और सम्मेलन सहित विभिन्न कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेगा.
वीजीजीएस में कंपनियां विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक से बने उत्पाद प्रदर्शित करेंगी. इसके मुख्य आकर्षण वाले कुछ क्षेत्रों में ई-परिवहन, स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), समुद्री अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा और स्मार्ट बुनियादी ढांचा हैं.
प्रधानमंत्री 10 जनवरी को सुबह लगभग 9:45 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024 का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह शीर्ष वैश्विक कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक करेंगे. प्रधानमंत्री इसके बाद गिफ्ट सिटी जाएंगे, जहां शाम लगभग 5:15 बजे वे वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी नेतृत्व मंच में व्यापार जगत के प्रमुख लोगों के साथ चर्चा करेंगे.
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