प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों में एंगेजिंग यंग माइंड्स प्रोग्राम से जुड़े युवा

हाइलाइट्स

विश्वविद्यालयों को जी-20 सम्मेलन से जोड़ने के लिए यूजीसी करा रहा यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम
इस पहल का उद्देश्य वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और युवाओं की नेतृत्व क्षमता को विकसित करना
भारत के राज्यों की युवाशक्ति अपने नवाचारों से दुनिया को नया रास्ता दिखाने में हो रही है सक्षम

एच. मलिक

उदयपुर/जयपुर. भारत को मिली जी-20 की मेजबानी के इस बड़े मौके पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. आजादी का अमृत महोत्सव को देखते हुए पूरे देश से 75 यूनिवर्सिटी को होस्ट यूनिवर्सिटी के रूप में चुना गया और इसमें राजस्थान की चार शहरों में यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम (University Connect Program)  के तहत युवाओं को ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया गया. युवा (Youth) न सिर्फ भविष्य की चुनौतियों से रूबरू होंगे, बल्कि अपने नवाचारों (Innovations) से समाधान की राह निकालने में मददगार होंगे.

जी-20 के प्रति जागरूकता के लिए राजस्थान के उदयपुर का सुखाड़िया विश्वविद्यालय, जोधपुर से जयनारायण विश्वविद्यालय, जयपुर से एमएनआईटी तथा झुंझुनूं का बिट्स पिलानी को शामिल किया गया है. यूनिवर्सिटीज के अलावा देश के प्रमुख आईआईएम भी इस प्रोग्राम में शामिल हैं.

जयपुर: चुनौतियों के समाधान में युवाओं की मदद
एमएनआईटी जयपुर के मालवीय सभागार में संस्थान जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट: एंगेजिंग यंग माइंड्स का आयोजन पिछले दिनों हुआ. इसमें पूर्व राजनयिक जेएस मुकुल ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे दौर में जहां आम लोगों के जीवन को खतरे में डालते हुए दुनिया संघर्षों में उलझी हुई है, युवाओं की मदद से भारत वैश्विक विकास में नई जान डालने, ठोस जलवायु कार्रवाई और वैश्विक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी अनेक चुनौतियों के लिए रचनात्मक समाधान के प्रयास में जुटा है. इसे खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे बहु-आयामी संकटों से त्रस्त दुनिया में परिवर्तन लाने के रूप में देखा जा रहा है.

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उदयपुर: दुनिया में भारत के युवाओं की भूमिका अहम
लेक सिटी के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में भी ‘जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का फोकस युवा छात्रों के बीच जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में जागरूकता पैदा करना था. राजदूत सतबीर सिंह ने जी20 की भारतीय अध्यक्षता पर कहा कि अब भारत वैश्विक नेता बनने की राह पर है. उन्होंने कहा कि देशव्यापी जी20 कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य दुनिया में भारत की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लोगों और युवाओं को ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल करना है. राजदूत सिंह ने सतत विकास के बारे में बात की और बताया कि भारत के युवा समानता लाने में कैसे मदद कर सकते हैं.

आईआईएम: डिजिटल, सौर ऊर्जा और स्टार्टअप की त्रिशक्ति
देश के प्रीमियम बिजनेस स्कूलों में से एक आईआईएम संबलपुर ने जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत मुख्य वक्ता पूर्व राजदूत जे.के. त्रिपाठी ने कहा कि भारत की युवाशक्ति अपने नवाचारों से दुनिया को रास्ता दिखा सकती है, जैसे हमने डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे आए हैं. अभी दुनिया के 50 से कम देशों को डिजिटल भुगतान प्रणाली तक पहुंच हासिल है. इसके अलावा हम सौर ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा और स्टार्टअप के क्षेत्रों में अपने अनुभवों को भी साझा कर सकते हैं. इससे पहले आईआईएम के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार अगर अगले कुछ वर्षों में देश में विकास की यही प्रवृत्ति रहती है, तो भारत अमेरिका और चीन के साथ शीर्ष तीन जीडीपी देशों में शामिल हो जाएगा. कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तरी सत्र के साथ हुआ.

बिट्स पिलानी: युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देने पर फोकस
जी20 के यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत झुंझुनूं के बिट्स पिलानी में आयोजित कार्यक्रम में वियतनाम में पूर्व राजदूत सुश्री प्रीति सरन ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने और युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया. डिजिटल कौशल के साथ-साथ डिजिटल क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने और आधुनिक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर भी फोकस किया. प्री-कॉन्क्लेव गतिविधि के रूप में, बिट्स पिलानी के स्टूडेंट्स के लिए जी20 की थीम पर एक इवेंट पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई. इसके विजेताओं को सुश्री प्रीति सरन द्वारा सम्मानित किया गया.

आईआईएम: नव अनुसंधान और नवाचार प्रणाली की पहल
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जम्मू में जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट के तहत पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने कहा कि यह नए अनुसंधान और नवाचार प्रणाली की शानदार पहल है. जी20 का विषय “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” और “वसुधैव कुटुंबकम” विश्व एक परिवार है को प्रतिबिंबित करता है. डीन ऑफ एकेडमिक्स प्रो जाबिर अली के मुताबिक यह अवसर युवाओं के लिए व्यावसायिक सफलता को बढ़ावा देने और भारत को विश्व स्तर पर प्रभावी ढंग से स्थापित करने के लिए मूल्यवान दृष्टिकोण देगा. इससे समृद्ध और विकासशील देशों के बीच एक मजबूत पुल का निर्माण होगा.

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