पुलिस ने आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया।
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अंकित ने जब विनय के माथे पर पिस्टल सटाकर ट्रिगर दबाया तो फायर मिस हो गया। इस पर उसने दोबारा कॉक कर फिर ट्रिगर दबाया। इस बार गोली माथे को चीरती हुई सिर में पीछे से निकल गई। इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई। गोली के लगने और पार होने के दो निशान थे। अन्य कोई जाहिरा चोट नहीं थी।
एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि घटनास्थल से बरामद कारतूस की जांच में पता चला कि एक फायर मिस हुआ था। आरोपियों ने भी इसकी पुष्टि की। पुलिस की जांच के मुताबिक, पूरा घटनाक्रम 50 मिनट के भीतर देर रात दो से 2:50 बजे के बीच हुआ। हालांकि, विनय के परिजन को सूचना तड़के 4:35 व पुलिस को 4:47 बजे दी गई। बृहस्पतिवार को अजय और अंकित ही विकास किशोर को छोड़ने एयरपोर्ट पर गए थे। वापस आने के बाद सभी उनके आवास पहुंचे। देर रात सौरभ खाना लेकर पहुंचा था।
गुमराह करते रहे, आखिर में सच कुबूला
घटना के बाद जब संदिग्ध हिरासत में लिए गए तो उनका कहना था कि विनय ने खुद को गोली मार ली। यही बात उसके परिवारवालों से भी कही। पुलिस ने सख्ती की तो आरोपियों ने कहा, विनय ने अंकुर पर पिस्टल तान दी थी। खुद के बचाव में उसने उसका हाथ पकड़ लिया था। इसी दौरान छीनाझपटी में गोली चल गई।
मां बोली- बेटा न शराब पीता था न जुआ खेलता था
विनय श्रीवास्तव के परिवार में मां छाया, बड़ा भाई विकास, छोटे भाई विभु व विक्रंता हैं। पिता का निधन हो चुका है। मां का कहना था कि उनका बेटा न तो शराब पीता था और न जुआ खेलता था। पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बताई है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि विकास दिल्ली में थे तो पिस्टल असुरक्षित क्यों रख गए? क्या दिल्ली में रहकर कोई साजिश नहीं रच सकता क्या? छाया का कहना है कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। दबाव में कार्रवाई की गई है। सीबीआई से जांच कराई जाए।
पौन घंटे लगाया जाम, विकास पर लगाया साजिश का आरोप
पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया था। दोपहर करीब सवा तीन बजे शव गांव पहुंचा। इस दौरान परिजनों ने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। आरोप लगाया कि इसमें विकास किशोर की साजिश है। करीब पौन घंटे तक प्रदर्शन चला। आखिर में पुलिस अफसरों ने उनको समझाकर शांत कराया। कुछ ही घंटे बाद वारदात का खुलासा किया।