जयपुर. राजस्थान में पेपर लीक माफियाओं पर सुरक्षा और जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. अब ईडी भी पेपर लीक माफियाओं पर टूट पड़ी है. आज ईडी की दिल्ली और राजस्थान की टीमें पेपर लीक माफिया अनिल मीणा की संपत्तियों को जब्त करने के लिए अजमेर पहुंच गई हैं. अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा पेपर लीक गिरोह का मुख्य सरगना है. वह वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदस्थ रहा है. आरोपी अनिल मीणा की संपत्तियों पर ईडी प्रीवनेशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कब्जा कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक अनिल मीणा की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए दिल्ली और राजस्थान की ED की टीमें अजमेर पहुंच गई हैं. ईडी अनिल मीणा के अजमेर के भुनाबय में विनायक विहार की संपत्तियों पर कब्जे की कार्रवाई कर रही है. माफिया अनिल मीणा ने ब्लैकमनी से ये संपत्तियां खरीदी हैं. उसने बेरोजगारों को पेपर बेचकर करोड़ों रुपये का कालाधन जमा किया था. बाद में उसे प्रोपर्टी में इनवेस्ट किया था. ईडी एड्जूकेटिंग अथोरिटी से मंजूरी के बाद की जब्ती की यह कार्रवाई कर रही है.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा आठ से दस लाख रुपये में अभ्यर्थियों को पेपर बेचता था. अनिल मीणा को जांच एजेंसी एसओजी ने बीते साल अप्रेल माह में प्रदेश के चर्चित आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण केस में उड़ीसा से गिरफ्तार किया था. उस पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. उसके बाद आरोपी से हुई पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए थे.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार ने राजस्थान में पेपर लीक माफिया की धरपकड़ और उसकी कलइयां खोलने के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी का गठन किया था. इससे पहले एसओजी पेपर लीक केस की जांच कर रही थी. अब एसओजी भी एसआईटी के साथ मिलकर काम कर रही है. एसओजी और एसआईटी ने पेपर लीक केस की जांच के दौरान हाल ही में राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 का भी पेपर लीक होने का खुलासा कर 14 ट्रेनी थानेदारों को गिरफ्तार किया था. ये ट्रेनी थानेदार अभी पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 09:10 IST