पेठा ही नहीं… आगरा की मूर्तियां की भी है धूम, इस शहर में जबरदस्‍त डिमांड

सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: आगरा शहर ताजमहल और अपने पेठे की मिठास के लिए मशहूर है लेकिन शाहजहांपुर में आगरा की बनी हुई मूर्तियों की भी काफी डिमांड है. राजस्थान के रहने वाले मूर्तिकार आगरा से मूर्तियां मंगवाकर शाहजहांपुर में बिक्री करते हैं,मूर्तिकार छोटी मूर्तियां खुद भी बनाते हैं. यह मूर्तिकार राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले हैं जो पिछले 18 सालों से शाहजहांपुर में मूर्तियां बेचने का काम करते चले आ रहे हैं.

मूर्तिकार पुनाराम ने बताया कि वह लोग पिछले 18 सालों से शाहजहांपुर में मूर्तियां बेचने का काम करते चले आ रहे हैं. पुनाराम बताते हैं कि वह सावन के महीने में शाहजहांपुर आ जाते हैं और गणेश चतुर्थी को लेकर भगवान गणेश की मूर्तियां तैयार करते हैं. गणेश चतुर्थी के बाद दीपावली के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां तैयार करते हैं, उनके द्वारा तैयार की हुई मूर्तियां शाहजहांपुर में काफी पसंद की जाती है.


ऑर्डर पर बनती हैं मूर्तियां
राजस्थान से आए मूर्तिकार जिनकी दुकाने अब सज चुकी हैं, मूर्तिकार पुनाराम बताते हैं कि उनके पास 150 से लेकर 1500 रुपए तक की छोटी मूर्तियां हैं. उसके अलावा उनके पास 10 हजार रूपए से लेकर 15 हजार रुपए तक की बड़ी मूर्तियां भी हैं, बड़ी मूर्तियां वह ऑर्डर पर आगरा से मंगवा कर देते हैं.

छोटी मूर्तियों की मांग ज्यादा
मूर्तिकार ने बताया कि गणेश चतुर्थी के मौके पर वह करीब हजार मूर्तियों की बिक्री कर देते हैं. लेकिन बड़ी मूर्तियां सिर्फ ऑर्डर पर ही मंगवा कर देते हैं. मूर्तिकार पुनाराम कहते हैं कि छोटी मूर्तियां वह खुद तैयार करते हैं और जो मूर्तियां वह बाहर से मंगवाते हैं उनकी रंगाई और साज-सज्जा का काम यहां करते हैं.

रोजगार के लिए आते हैं यहां
राजस्थान से आए मूर्तिकारों का कहना है कि शाहजहांपुर में उनकी अच्छी संख्या में मूर्तियां बिक जाती हैं, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण हो पा रहा है. पुनाराम कहते हैं कि हम लोग हर वर्ष राजस्थान से तीन परिवार यहां मूर्तियां बेचने आते हैं और करीब 25 लोग यहां रहकर मूर्तियां खुद बनाने और बेचने का काम करते हैं. मूर्ति बेचने से 300 से 400 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से रोजाना आमदनी हो जाती है.

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