पेट की गैस से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू टिप्स, समस्या हो जाएगी खत्म

नई दिल्ली:

गैस एक ऐसी बीमारी है जिससे लगभग लोग परेशान रहते हैं. कभी-कभी गैस इतनी ज्यादा परेशान कर देती है कि लोगों को असहज दर्द महसूस होने लगता है. आज हम आपको बताएंगे कि गैस्ट्रिक जैसी बीमारी से कैसे बचा जा सकता है. यहां जो भी जानकारी दी गई है उससे आप गैस्ट्रिक से राहत पा सकते हैं. तो चलिए बिना समय बर्बाद किए हम आपको ये जानकारी देते हैं.
पेट में गैस एक सामान्य प्रक्रिया है जो आमतौर पर खानपान और पाचन से संबंधित है.

उचित आहार

खाने में ध्यानपूर्वक चबाएं और तेज़ी से न खाएं.
अधिक तला हुआ, तीखा, और मसालेदार भोजन से बचें.
उचित समय पर भोजन करें और ठंडे पानी का सेवन करें.

पर्याप्त पानी पीना
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, जिससे आपका शरीर सही रूप से हड्डियों को बना सकता है और खाने को आसानी से पचा सकता है.

अनुकूल धार्मिक
योग और व्यायाम करें, जिससे आपकी पाचन प्रणाली मजबूत हो सकती है.

जीरा या सौंफ का सेवन
जीरा या सौंफ की चाय पीना गैस की समस्या में राहत प्रदान कर सकता है.

अदरक और नींबू
अदरक और नींबू का रस मिलाकर गरम पानी में पीना भी गैस से राहत दिला सकता है.

आयुर्वेदिक उपचार
हरड़, त्रिफला, और अन्य आयुर्वेदिक दवाएं गैस की समस्या में मदद कर सकती हैं.

डॉक्टर की सलाह

यदि गैस की समस्या बनी रहती है या इसमें सुधार नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से मार्गदर्शन करें. ध्यान दें कि यह सुझाव सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है.

पेट में गैस कैसे बनता है:-

वायुमुद्रा (Swallowing Air)

आपका पेट वायुमुद्रा के माध्यम से हवा स्वीकार करता है, जो खाने या पीने के दौरान हो सकता है.यह वायु अधिकतमत: करने के लिए पेट में जमा होता है और गैस का कारण बन सकता है.

आभासी गैस (Gas from Digestion)

खाना खाने के बाद, पाचन क्रिया के दौरान भोजन का टुकड़ा पेट में टूटता है और यहां पर सूजन और बैक्टीरिया के साथ-साथ गैसों का उत्पन्न हो सकता है.

पाचन प्रक्रिया (Digestive Process)

पाचन में सहायक अंगों के माध्यम से पेट में भोजन को पचाया जाता है, जिससे गैस उत्पन्न हो सकती है.

बैक्टीरिया (Bacteria)

पेट में मौजूद बैक्टीरिया भी खाना पचाने के दौरान गैस उत्पन्न कर सकते हैं.वे भोजन के तत्वों को टूटाने के दौरान गैसों को उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे पेट में बदहवासी, भारीपन, और उदासीनता हो सकती है.

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