वित्त मंत्रालय ने कहा कि एफआईयू को कुछ इकाइयों और उनके कारोबार से जुड़ी कंपनियों के संबंध में अवैध गतिविधियों के बारे में जांच एजेंसियों से जानकारी मिली थी. इसमें ऑनलाइन जुए के आयोजन और सुविधा प्रदान करने की बात शामिल थी. शिकायत मिलने के बाद एफआईयू ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की समीक्षा शुरू की.
मंत्रालय ने कहा कि इन इकाइयों के खाते पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. में थे. इन्होंने अवैध गतिविधियों से प्राप्त राशि यानी अपराध की कमाई को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खातों के माध्यम से दूसरी जगह भेजा.
इससे पहले, एफआईयू-भारत ने भुगतान सेवाओं और लाभार्थी खातों के संबंध में केवाईसी सुरक्षा उपायों सहित विभिन्न नियमों के उल्लंघन के लिए मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
FIU ने आरोपों को सही पाया
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिखित और मौखिक जवाब पर विचार करने के बाद, एफआईयू के निदेशक ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पेटीएम के खिलाफ आरोप को सही पाया.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, पीएमएलए की धारा 13 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक मार्च के आदेश के तहत 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.”
निगरानी को सुदृढ़ किया : पेटीएम पेमेंट्स बैंक
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि जुर्माना एक कारोबार खंड से जुड़े मुद्दों से संबंधित है, जिसे दो साल पहले बंद कर दिया गया था.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उस अवधि के बाद, हमने वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के लिए अपनी निगरानी प्रणाली और रिपोर्टिंग व्यवस्था को सुदृढ़ किया है.”
ये भी पढ़ें :
* Paytm ने Paytm Payments Bank से अलग होने का किया फैसला, इंटर-कंपनी एग्रीमेंट हुआ खत्म
* RBI ने Paytm Payments Bank के बाद इस बैंक पर कसा शिकंजा, लाइसेंस किया रद्द
* Paytm Share Price: पेटीएम के शेयरों में आया 5% का उछाल, लगातार तीसरे दिन लगा अपर सर्किट
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)