कमल पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल (Uttarkashi Tunnel Rescue) में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया. बाहर निकालने के बाद AIIMS ऋषिकेश में उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने श्रीनगर गढ़वाल में पत्रकारों से बातचीत में सभी को सकुशल बाहर निकाले जाने पर खुशी जताई. उन्होंने इसे देवभूमि उत्तराखंड की दैवीय शक्ति करार दिया. पूर्व सीएम ने कहा कि 17 दिनों तक सुरंग में फंसे रहने के बाद भी किसी को चोट नहीं लगी और सभी सुरक्षित हैं, यह देवभूमि में निवासरत देवी-देवताओं का ही आशीर्वाद है.
सांसद तीरथ सिंह रावत ने आगे कहा कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा रेस्क्यू का जो कार्य किया गया, वह सराहनीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) लगातार रेस्क्यू की मॉनिटरिंग में लगे हुए थे. मजदूरों का बाहर सुरक्षित निकलना माता रानी की और देवभूमि की कृपा है. उन्होंने कहा कि जब मजदूर टनल से बाहर निकल रहे थे, तो सभी के चेहरे पर एक अलग मुस्कान थी. एम्स में स्वास्थ्य परीक्षण करवाते वक्त सभी खुश दिखाई दे रहे थे. यह सब मां की कृपा है. देवभूमि में इस तरह का हादसा हुआ लेकिन कोई आहत नहीं हुआ, यह सब दैवीय कृपा है. सांसद रावत ने आगे कहा कि जब आधुनिक मशीनें फेल हो गईं, तब अंत में मजदूर ही काम आए. उनके हाथ, हथौड़ा और बेल्चा ही जिंदगी को बचाने को रास्ता बने. यह सब देवभूमि में निवास करने वाले ईष्ट देवों के कारण ही संभव हो पाया है. साथ ही उन्होंने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति का भी आभार व्यक्त किया.
12 नवंबर को हुआ था हादसा
गौरतलब है कि उत्तरकाशी एनएच के लिए बन रहे सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर की सुबह धंस गया था. धंसे हुए हिस्से की दूसरी तरफ 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू करने की कवायदें लगातार जारी थीं. आखिरकार 17 दिनों के लंबे संघर्ष के बाद 28 नवंबर को मजदूरों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया. सभी मजदूर अपने-अपने घरों को लौट गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2023, 20:05 IST