सत्यम कुमार/भागलपुर. बिहार में अगर आप भी जमीन की खरीद-बिक्री करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए अत्यंत जरूरी है. दरअसल, राज्य में जमीन रजिस्ट्री के नियम में बदलाव लाया गया है. अब बिना जमाबंदी कायम किये आप पुश्तैनी जमीन को नहीं बेच पाएंगे और राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम पर जमाबंदी होगी. वहीं उस जमीन का असली मालिक होगा. बिहार में लगातार भूमि विवाद की वजह से बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है. पटना हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद यह आदेश मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जारी किया है.
हर 5 साल में जमीन की जमाबंदी होती है अपडेट
वहीं उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने सभी डीएम को पत्र लिख फैसले का अनुपालन कराने को कहा है. राजस्व विभाग द्वारा एक दस्तावेज बनाया जाता है जिसे जमाबंदी या अधिकारों का रिकॉर्ड कहा जाता है इस रिकॉर्ड में ही जमीन का मालिक कौन है, कितनी जमीन है सहित कई जानकारियां शामिल होती है. राजस्व अधिकारी हर 5 साल में जमीन की जमाबंदी को अपडेट करते हैं. इसी के आधार पर जमीन की रसीद भी कटती है. मेरी जमीन किसी और ने बेच दी, मेरे भाई ने मेरे हिस्से की जमीन बेच दी, एक ही जमीन को भूमाफियाओं ने कई लोगों को बेच दी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अब जमीन वही बेच सकेगा जिसके नाम पर जमाबंदी होगी. पुश्तैनी जमीन को बेचने के लिए जरूरी होगा कि उसका बंटवारा कानून के हिसाब से हो जाए और जमाबंदी खुद के नाम से कायम हो जाए.
कैसे बनवाएं कागजात
दरअसल, जमाबंदी में नाम डलवाना जरूरी है. इसको लेकर जब नाथनगर के अंचलाधिकारी रजनीश कुमार के बात की गई तो उन्होंने बताया कि कागजात को बनवाना एक दम आसान काम है. उन्होंने बताया कि गांव में सरपंच से वंशावली या खुद से भी वंशावली बना लें. वहीं खुद से बंटवारानामा बनवा लें और हरेक अंचल के हल्का में आवेदन के साथ पहुंच जाएं.
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अंचल के अधिकारियों द्वारा इसको सत्यापन कर जमाबंदी में नाम डाल दिया जाएगा. उसके बाद खुद के नाम पर जमीन हो जाएगा. आसानी से जमीन को बेच पाएंगे. आपको बता दें कि इसके लिए सप्ताह में 3 दिन शिविर का आयोजन किया जा रहा है. यह मंगलवार, बुधवार व गुरुवार को आयोजित की जायेगी.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 07:19 IST