पुरुषों की स्पर्म क्वॉलिटी गिरा रहा है मोबाइल फोन! ऐसे की गई कैलकुलेशन

Mobile Phone health affect on male sperms: मोबाइल फोन और इसके इस्तेमाल से लोगों पर पड़ने वाले असर पर की गई स्टडी में हाल ही में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. हालांकि इस तरह की स्टडी पहले भी होती रही हैं लेकिन इस बार इस बाबत की गई स्टडी पुरुषों पर केंद्रित रही जिसमें कई चिंताजनक बातें सामने निकल कर गईं. मोबाइल फोन के इस्तेमाल से मर्दों के वीर्य की गुणवत्ता (Sperm Quality) और संख्या यानी स्पर्म क्वॉलिटी और क्वॉन्टीटी दोनों कम हो सकती हैं. लेकिन यहां यह भी गौर करना चाहिए कि यह डेटा विश्लेषण बताता है कि आप फोन कहां रखते हैं, उदाहरण के लिए, पैंट की जेब में या कहीं और, इसका वीर्य संंबंधी पैरामीटर से कोई लेना देना नहीं है

एक अध्ययन से पता चला है कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा करने वाले मोबाइल फोन के बार-बार इस्तेमाल से शुक्राणुओं पर असर पड़ता है और कुल शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है. फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी से पता चला है कि मोबाइल फोन के उपयोग और शुक्राणु की कम गतिशीलता (low sperm motility) और उसके स्ट्रक्चरल फीचर के बीच कोई संबंध नहीं है. पिछले पचास वर्षों में वीर्य की गुणवत्ता में देखी गई गिरावट को समझने के लिए कई तरह के फैक्टर पर गौर किया गया.

स्टडी के नतीजों की कैलकुलेशन ऐसे हुई

स्विट्जरलैंड में जिनेवा विश्वविद्यालय की एक टीम ने 2005 और 2018 के बीच भर्ती किए गए 18 से 22 वर्ष की आयु के 2,886 स्विस पुरुषों के डेटा के आधार पर एक क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन किया. डेटा से मोबाइल फोन के बार-बार उपयोग और लो स्पर्म कन्सट्रेशन का पता चला. उन पुरुषों के समूह में औसत शुक्राणु कॉन्सन्ट्रेशन काफी अधिक था जो सप्ताह में एक बार (56.5 मिलियन/एमएल) से अधिक अपने फोन का उपयोग नहीं करते थे, उन पुरुषों की तुलना में जो दिन में 20 बार (44.5 मिलियन/एमएल) से अधिक अपने फोन का इस्तेमाल करते थे. यानी कुल मिलाकर मामला खास इसका है कि आप मोबाइल फन का इस्तेमाल कितना करते हैं. (पढ़ें- इन 5 फलों का छिलका उतारकर कभी न खाएं)

वीर्य की गुणवत्ता कई कारकों पर निर्भर करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पैरामीटर के मुताबिक, अगर किसी पुरुष के शुक्राणुओं का कॉन्सन्ट्रेशन 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से कम है, तो उससे गर्भधारण करने में संभवतः एक साल से अधिक का समय लग जाएगा. इसके अलावा, यदि शुक्राणुओं का कॉन्सन्ट्रेशन 40 मिलियन प्रति मिलीलीटर से कम है तो गर्भावस्था की संभावना कम हो जाएगी. (पढ़ें- खून से शुगर को चूस लेगा लाल रंग का यह दुर्लभ पत्ता)

50 सालों में वीर्य क्वॉलिटी में हुई है गिरावट

कई अध्ययनों से पता चला है कि पिछले पचास वर्षों में वीर्य की गुणवत्ता में कमी आई है. बताया गया है कि शुक्राणुओं की संख्या औसतन 99 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर से घटकर 47 मिलियन प्रति मिलीलीटर हो गई है. ऐसा माना जाता है कि यह घटना पर्यावरणीय कारकों और जीवनशैली की आदतों (जैसे कि खान पान, शराब, टेंशन-तनाव, स्मोकिंग) का रिजल्ट है.

Tags: Health tips, Lifestyle, Mobile Phone, New Study

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