पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन शहर की सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित और प्रोत्साहित करेंगे : वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अयोध्या और पुरी रेलवे स्टेशन की पुनर्विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन ‘संस्कृति और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी’ का एक अभिन्न हिस्सा है और सांस्कृतिक विरासत वाले क्षेत्र के तौर पर इसका संरक्षण एवं प्रोत्साहन करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या धाम जंक्शन का वास्तुशिल्प, अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के अनुरूप है जबकि पुरी स्टेशन प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करेगा।
वैष्णव ने भुवनेश्वर में रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’से कहा, ‘‘आप रेलवे स्टेशन को शहर की पहचान के साथ जितना जोड़ेंगे यह उतना बेहतर होगा। विकास इस तरह का होना चाहिए कि उसकी सांस्कृतिक विरासत को भी बनाए रखा जाए।

इनका सरंक्षण होना चाहिए और यह प्रतिबिंबित होना चाहिए।’’
उन्होंने शहर में स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा भी की।
रेल मंत्रालय ने 2021 में अमृत स्टेशन योजना शुरू की थी। इसके तहत 1,309 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा और इस दौरान यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
वैष्णव ने कहा कि योजना है कि स्टेशन की डिजाइन ऐसी हो जिसमें सांस्कृतिक पहलू का भी समावेश हो।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य स्टेशन का भी पुनर्विकास इसी विचार के साथ किया जा रहा है।’’
स्टेशन के पुनर्विकास कार्य को पूरा करने की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी और जटिल परियोजना है और ऐसी परियोजनाओं को पूरा होने में वर्षों लग जाते हैं लेकिन संबंधित रेलवे डिवीजन इसे ‘बहुत अच्छी गति’ के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। वैष्णव ने कहा, ‘‘मैंने भुवनेश्वर और कटक रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की प्रगति की समीक्षा की और जिस गति से यह कार्य किया जा रहा है, उससे प्रभावित हुआ हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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