मॉस्को2 दिन पहले
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रूस में 15-17 मार्च को राष्ट्रपति पद के चुनाव हैं। हालांकि, इसमें पुतिन की जीत तय मानी जा रही है। (फाइल)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अमेरिका को परमाणु हमले की चेतावनी दी। पुतिन ने कहा- अगर अमेरिका अपने सैनिकों को यूक्रेन में भेजेगा तो इससे जंग और बढ़ सकती है। दरअसल, रूसी न्यूज एजेंसी RIA ने पुतिन ने सवाल पूछा कि क्या रूस परमाणु जंग के लिए तैयार है।
इस पर रूसी राष्ट्रपति ने कहा- हम फिलहाल परमाणु युद्ध की तरफ नहीं बढ़ रहे हैं। हमें अब तक इसकी जरूरत नहीं महसूस हुई। लेकिन अगर मिलिट्री या तकनीक के आधार पर कहा जाए तो हम इसके लिए तैयार हैं। अमेरिका इस बात को समझता है कि अगर उसने रूसी या यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को भेजा तो रूस इस कदम को हस्तक्षेप के रूप में लेगा।

तस्वीर 2021 की है, जब आखिरी बार रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति ने मुलाकात की थी।
पुतिन बोले- रूस पर हमला हुआ तो परमाणु हथियार इस्तेमाल करेंगे
इंटरव्यू में पुतिन ने आगे कहा- हमारे पास परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के लिए ही मौजूद हैं। हालांकि, इनके इस्तेमाल को लेकर रूस के अपने सिद्धांत हैं। अगर रूस पर परमाणु या दूसरे ऐसे हथियारों से हमला किया गया, जिससे तबाही मच सकती है तो रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।
पुतिन ने कहा- अगर रूस का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा तो हम अपनी रक्षा जरूरी करेंगे। हम यूक्रेन के साथ पूरी गंभीरता से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन यह बात आज की सच्चाई पर आधारित होनी चाहिए।
परमाणु हथियारों पर बात करते हु्ए रूसी राष्ट्रपति ने कहा- अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करेगा तो मुमकिन है कि हम भी ऐसा ही करें। हालांकि, अमेरिका में रूसी-अमेरिकी संबंधों को लेकर रणनीतिक संयम के क्षेत्र में कई विशेषज्ञ हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि बात परमाणु युद्ध तक पहुंचेगी।
अमेरिका-रूस के पास दुनिया के 90% परमाणु हथियार
बता दें कि रूस और अमेरिका 2 सबसे ताकतवर परमाणु देश हैं। दुनिया में मौजूद परमाणु हथियारों को 90% हिस्सा इनके पास है। इससे पहले CNN ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में परमाणु युद्ध होने वाला था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान बना लिया था। बाद में PM मोदी के चलते एटमिक जंग रुक गई।
CNN ने 2 अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया था कि उस वक्त अमेरिकी प्रशासन पुतिन के रवैये से काफी परेशान हो गया था। फिर बाइडेन ने भारत सहित कई देशों से सहयोग मांगा था। अधिकारी ने बताया कि भारत, चीन सहित अन्य देशों ने रूस से संपर्क किया और दबाव बनाया था।

मोदी ने पुतिन से कहा था- यह युद्ध का युग नहीं है
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा से आम लोगों की हत्या की निंदा की है और टकराव को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की बात की। PM मोदी ने साल 2022 में उज्बेकिस्तान में SCO समिट के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह बयान भारत की अध्यक्षता में G20 सम्मेलन में भी दिया गया था।
पिछले साल स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से परमाणु हथियारों की जानकारी देने में पारदर्शिता घटी है। 2021 में UNSC के सदस्य देशों ने परमाणु हथियारों को कम करने का वादा किया था। उनका कहना था- परमाणु जंग कभी नहीं जीती जा सकती है। ये हथियार कभी इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए। जबकि इस वक्त अमेरिका और रूस ने अपने 2000 परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा है।
रूस-अमेरिका रद्द कर चुके परमाणु समझौता
परमाणु हथियारों की रेस को बंद करने के लिए रूस और अमेरिका ने न्यू स्टार्ट ट्रीटी समझौता किया था। पिछले साल इसे यूक्रेन जंग का एक साल पूरा होने पर रूस ने रद्द कर दिया था। न्यू START ट्रीटी अमेरिका और रूस के बीच इकलौता परमाणु समझौता बचा था।
इसके तहत दोनों देश एक दूसरे के साथ अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण की जानकारी को एक्सचेंज करते थे। रूस ने आरोप लगाया था कि अमेरिका रूस के परमाणु हथियारों की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहा था।
