सृजित अवस्थी/ पीलीभीत : पीलीभीत के जंगलों को टाइगर रिजर्व का दर्जा 10 साल पहले यानि 2014 में मिला था. यहां भारी भरकम टाइगर्स के दीदार के लिए देश-दुनिया से पर्यटक आते हैं. वैसे तो बाघों के संरक्षण के लिहाज से एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की ओर से लंबी चौड़ी गाइडलाइंस भी बनाई गई हैं. लेकिन रसूखदारों के आगे यह नियम कायदे धरे के धरे रह जाते हैं. हाल ही में देर रात जंगल के अंदर की सैर का एक वीडियो सामने आया है.
जब भी किसी वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया जाता है तो वहां संरक्षण के लिहाज से तमाम नियम कायदे बनाए जाते हैं. इस नियम के अनुसार जो गतिविधियां सामान्य वनों में आम होती हैं उन पर भी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रतिबंधित लगा दिया जाता है. ठीक ऐसा ही कुछ पीलीभीत के वन क्षेत्र के साथ भी है. पीलीभीत के जंगलों को आज से तकरीबन 10 साल पहले पीलीभीत टाइगर रिजर्व दर्जा दिया गया था.
क्या है टाइगर रिजर्व में सफारी के नियम?
दरअसल, उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले के तकरीबन 73,000 हेक्टेयर जंगलों को मिला कर सन 2014 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया. वैसे तो सामान्य रिजर्व फॉरेस्ट में ही तमाम कड़े नियम कानूनों को लागू किया जाता है. लेकिन टाइगर रिजर्व में इन कानूनों को और सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. नियमों के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कोर फॉरेस्ट में टूरिज्म के लिए केवल नियत सफारी वाहनों को ही अनुमति होती है. इन सफारी वाहनों में प्रशिक्षित चालक व गाइड की भी मौजूदगी होती है. जिससे सैर के दौरान होने वाली किसी भी विषमपरिस्थिति में पर्यटकों और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनश्चित की जा सके. वहीं सफारी के लिए भी तय समय पर ही वाहनों को जंगल में प्रवेश दिया जाता है.
देर रात टाइगर रिजर्व में सफारी का दावा
इन सब के विपरीत कुछ रसूखदार लोगों के लिए यह नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते. वैसे तो अब तक लोग अपने रसूख या फिर वनकर्मियों से सांठगांठ कर प्राइवेट वाहनों से सफारी रूट पर देखे जाते थे. लेकिन अब तो बैखौफ होकर देर रात जंगल में गाडियां दौड़ाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. हाल ही में अचिंत्य प्रताप सिंह नाम के सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में रात में कुछ लोग प्राइवेट वाहन से जंगल की सैर करते नजर आ रहे हैं. वहीं वीडियो में देर रात पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सफारी का दावा किया जा रहा है . ऐसे में दुनिया भर में शौहरत बटोर रहे पीटीआर के वन्यजीव कितने सुरक्षित हैं इस पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं. हालांकि न्यूज 18 लोकल इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.
अधिकारियों ने भी की पुष्टि
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि वीडियो को देखकर प्रथम दृष्टया तो लग रहा है कि वीडियो पीलीभीत टाइगर रिजर्व का ही है. मामले में जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : March 10, 2024, 20:40 IST