रोहित भट्ट/अल्मोड़ा : उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पहले के समय में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए काफी सख्त नियम होते थे. मसलन, उन्हें एक कमरे में ही रहना होता था, जमीन पर सोना होता था और आदि कठोर नियम होते थे. वर्तमान में नई पीढ़ी कुछ हद तक इस रूढ़िवादी सोच पर आगे जरूर बढ़ी है लेकिन कई लोग इन नियमों का पालन आज भी कर रहे हैं.
मासिक धर्म जिसे पीरियड्स कहा जाता है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पीरियड्स के दौरान पतियों के लिए भी अलग नियम होते हैं. इस दौरान पति पत्नी के कमरे में नहीं जा सकते, यदि चले भी गया तो उसे गाय का गोमूत्र अपने ऊपर छिड़कना पड़ता है. इस दौरान कई लोग मंदिर भी नहीं जाते हैं और तिलक भी नहीं लगते हैं. इसको लेकर हमने अल्मोड़ा के श्री नरसिंह सिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी हरिदास से खास बातचीत की.
पुरुष को करना पड़ता है इन नियमों का पालन
पुजारी हरिदास ने बताया कि महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान कुछ नियम होते हैं. पहाड़ों में आज भी महिलाएं इनका पालन कर रही हैं. महिलाओं के पीरियड्स के दौरान पुरुष को भी कई नियमों का पालन करना पड़ता है. महीने में होने वाले पीरियड्स के दौरान पति-पत्नी के साथ नहीं रह सकता है और ना ही पत्नी के द्वारा बनाया गया खाना खा सकता है. यदि वह इस कृत को करता है तो वह अशुद्ध माना जाता है. हां यदि, वह इन सभी चीजों का पालन करता है तो वह शुद्ध माना गया है.
5 दिनों तक पति को माना जाता है अशुद्ध
पुजारी हरिदास ने बताया कि कुछ लोग मंदिर नहीं जाते हैं और टीका चंदन भी नहीं लगते हैं. परंपराओं के अनुसार इन 5 दिनों के लिए पति भी अशुद्ध माना गया है.पुजारी हरिदास ने बताया कि पहाड़ों में कुछ हद तक लोग इनका पालन कर रहे हैं. महिलाओं को होने वाले पीरियड्स के दौरान पुरुष भी इसका पालन करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 15:15 IST
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