पीरियड्स में करें ये 3 योगासन, दूर हो जाएगा पेट दर्द और ऐंठन से मिलेगा छुटकारा, मूड भी होगा फ्रेश

ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश : महिलाओं को हर महीने पीरियड्स होते हैं. इस दौरान असहनीय कमर दर्द और क्रैम्प उन्हें बेहाल कर देता है. जब पीरियड्स में ब्लीडिंग शुरू होती है, तो उसके साथ दर्द भी शुरू हो जाता है. लेकिन कुछ महिलाओं में यह पीरियड्स के शुरू होने से पहले भी हो सकता है. जिसे पीएमएस कहते हैं. यह दर्द 48 से 72 घंटों तक रह सकता है. हालांकि, कुछ महिलाओं को इस समय से ज्यादा भी इस दर्द को झेलना पड़ सकता है. इस बात की सभी महिलाओं को काफी गलतफहमियां रहती हैं, कि पीरियड्स के दिनों में योग करना चाहिए या फिर नहीं.

सभी महिलाएं पीरियड्स से पहले और बाद में योग करके इस तकलीफ को दूर कर सकते है. महिलाओं को इन दिनों सिर दर्द, उल्टी, चक्कर आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. कुछ महिलाएं इन परेशानियों से बचने के लिए गर्म पानी की सिंकाई करती हैं, लेकिन यह टेंपररी समाधान है. इस परेशानी में दवा से भी तत्काल राहत मिलती है लेकिन इससे भी पूरी तरह पीरियड्स पैन या क्रैंप से छुटकारा नहीं मिलता. वहीं प्रतिदिन कुछ योग आसन करने से पीरियड्स के दिनों में आप दर्द से छुटकारा पा सकते हैं.

लोकल 18 के साथ हुई बातचीत के दौरान योगिनी रश्मि बताती हैं कि पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग काफी लाभदायक साबित होता है. योग ऐसा साधन है जिससे आपका तन और मन मजबूत बनाता है और इससे पीरियड्स के दर्द और पीरियड्स क्रैंप से छुटकारा मिल सकता है. ये हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और हमारे मूड को भी बूस्ट करता है. प्रतिदिन इन 3 योग आसान को करने से आप पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं.

बटरफ्लाई पोज
बटरफ्लाई पोज को तितली आसन भी कहते हैं, पीरियड्स के दर्द को दूर करने में यह योगासन फायदेमंद साबित होता है. तितली आसन करने के लिए अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा कर के बैठ जाएं, रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. अब पैरों को मोड़कर हाथों की अंगुलियों को पैरों के पंजों के ऊपर लाकर आपस में मिला दें. इस दौरान आपकी एडियां शरीर से सटी हुई होनी चाहिए. सामान्‍य रूप से सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ ऊपर ले जाएं और फिर नीचे लाएं. आपको ऐसा 15 से 20 बार करना है.

पवनमुक्तासन
ये आसन पीरियड्स के दर्द और मानसिक तनाव को दूर करने का रामबाण हैं. इस आसन से शरीर की थकान भी दूर होती है. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएँ और पैरों को एकसाथ सीधा कर लें। अब अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास ले कर आएं. जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं. अब अपनी दाढ़ी को दाएं घुटने से लगाएं . जब गहरी सांस लें तो घुटने को हाथों से अच्छे से पकड़ लें. घुटने को हाथ से अच्छे से पकड़ने पर छाती पर हल्का सा दबाव महसूस होगा, जो कि सामान्य है. अब सांस छोड़ते हुए घुटने को ढीला कर दें. अब पूरी प्रक्रिया को इस तरह से बाएं पैर के साथ करें. दोनों पैरों से एक-एक बार करने के बाद दोनों पैरों के साथ करें.

सुप्त भद्रकोण आसन
सुप्त भद्रकोण आसन को करने के लिए आप किसी तकिए या फिर किसी और चीज का सहारा ले सकते हैं. इसे करने के लिए आपको सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेटना है. उसके बाद अपने घुटनों को मोड़कर अपने दोनों पैरों के तलवों को मिला लें. उसके बाद अपने ऊपरी भाग को पीछे की ओर स्ट्रेच करें और पिछे रखें तकिए के उपर अपनी ऊपर के शरीर को स्ट्रेच करें.

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