पिथौरागढ़ में यहां मिलेगी असली कुमाऊंनी थाली, महिलाएं चलाती हैं ये शानदार कैफे

हिमांशु जोशी/ पिथौरागढ़. भारतीय खाना वास्तव में विविधता से भरपूर होता है और इसका स्वाद दुनिया भर में प्रसिद्ध है. भारतीय खाने की परंपरा में भारत के विभिन्न राज्यों के पकवानों का महत्वपूर्ण स्थान है, जिनका स्वाद और तरीका भी भिन्न होता है. उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों की बात करें, तो यहां भी अद्वितीय और स्वादिष्ट भोजन मिलता है. अगर आपको विभिन्न पकवानों का आनंद लेने का शौक है, तो आपको अवश्य कुमाऊंनी थाली का स्वाद चखना चाहिए. यह थाली पिथौरागढ़ के टकाना टीस कैफे में उपलब्ध है. कुमाऊंनी थाली उत्तराखंड की स्थानीय परंपरा का प्रतीक है और इसमें अनेक पकवान होते हैं जैसे कि घाट दाल, ज्वारी की रोटी, अलू गट्टे, भट की चुड़कानी, बाल मिठाई समेत अन्य स्वादिष्ट व्यंजन. इस थाली का स्वाद आपको उत्तराखंड की स्थानीयता और परंपराओं को अनुभव कराएगा.

महिलाएं चलाती हैं कैफे

टकाना टीस कैफे महिलाएं चलाती हैं, जो कुमाऊं के पारंपरिक भोजन को बनाने में एक्सपर्ट होती हैं. वैसे तो कुमाऊंनी थाली आप उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी देख सकते हैं, लेकिन टकाना टीस कैफे में आपको जो पहाड़ का वास्तविक व्यंजन हैं, उसका असली टेस्ट खाने को मिलेगा. इस कुमाऊंनी थाली में आपको 7 से 8 प्रकार के अलग-अलग व्यंजन खाने को मिलेंगे, जो पहाड़ों के लोग सदियों से खाते आ रहे हैं. ये स्वाद ही नहीं सेहत के लिए भी जबरदस्त होते हैं.

पारंपरिक भोजन को दिया बढ़ावा

टकाना टीस कैफे में महिलाओं की ओर से शुरू की गई इस पहल की सराहना करनी चाहिए. जबकि लोग अपने पारंपरिक भोजन से दूर होते जा रहे थे और नई पीढ़ी को इसके स्वाद के बारे में ज्ञान भी नहीं था, इस कैफे में कुमाऊंनी थाली की शुरुआत से बहुत से लोग इसका स्वाद जानने के लिए आए हैं. आने वाले लोगों के साथ हुई बातचीत में सभी ने महिलाओं के इस प्रयास की सराहना की है और पहाड़ी खाने के अद्भुत स्वाद की जमकर प्रशंसा की है. टकाना टीस कैफे की इस पहल ने सचमुच पहाड़ी खाने की मूल संस्कृति को एक विस्तृत दरबार में पेश किया है, जो अद्भुत प्रभाव छोड़ गया है.

कुमाऊंनी खाने को दिलाई नई पहचान

टकाना टीस कैफे की संचालिका ज्योति धामी ने बताया कि टूरिस्ट हमेशा पहाड़ी खाने की मांग करते थे, लेकिन वास्तविकता में उन्हें असली पहाड़ी पकवान कहीं नहीं मिलते थे. उन्होंने अपने कैफे में कुमाऊंनी थाली में उन चीजों को शामिल किया है, जो आजकल बहुत कम लोग जानते हैं. ये चीजें सदियों से पहाड़ के लोगों के लिए स्वास्थ्य का स्रोत रही हैं. टकाना टीस कैफे में महिलाएं अपने घरों की जिम्मेदारी को भी निभाते हुए अपने काम को बेहतरीन ढंग से संभाल रही हैं. इसके साथ ही यह महिलाओं के प्रयास का परिणाम है कि कुमाऊंनी खाने को एक नई पहचान मिली है. उनका यह सराहनीय प्रयास वाकई महत्वपूर्ण है.

कुमाऊंनी थाली की कीमत 180 रुपये

टकाना टीस कैफे में सोमवार, बुधवार और शनिवार को कुमाऊंनी थाली के साथ विभिन्न स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध हैं. इसमें आपको भट के डुबके, गहत के डुबके, भट की चुड़कानी, रायता, चावल की रोटी, मंडुवे की रोटी, भांग की चटनी, झिंगोरे की खीर, झोली, छांस और अन्य खास पकवान मिलेंगे. इस थाली की कीमत 180 रुपये है. आप टेबल बुक करने के लिए 8449909155 नंबर पर कॉल कर सकते हैं. टकाना टीस कैफे में आपको जायकेदार पकवानों का आनंद उठाने के साथ-साथ एक अच्छे माहौल का आनंद भी मिलेगा.

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