पितृपक्ष में गलती से भी न खाएं ये चीजें, पितर हो जाएंगे नाराज; जान लें श्राद्ध के नियम

हिना आज़मी/ देहरादून. श्राद्ध शुरू हो चुके हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. उनकी कृपा से जीवन में आने वाली कई तरह की रुकावटें दूर होती हैं. व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों से भी मुक्ति मिलती है. वहीं इस दौरान मसूर, राजमा, कोदा, चना, अलसी, बासी भोजन, समुद्र जल से बना नमक और भैंस के दूध का सेवन करना वर्जित है. देहरादून निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश कुकरेती ने बताया कि हिंदू धर्म में पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व होता है.

ये वह अवसर है, जब हम अपने पूर्वजों का पूजन और तर्पण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. सबसे अहम पितृ ऋण चुकाने के साथ पितृ दोषों से भी बचते हैं. हिन्दू काल गणना के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत भाद्र महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से होती है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक 16 दिन का होता है. जिसमें पिंडदान, ब्राह्मण भोज व अन्य श्राद्ध कर्मों से पितृ देवों को प्रसन्न किया जाता है.

‘पितृपक्ष पर परिजन धरती पर आते है’
श्राद्ध पक्ष की शुरुआत के साथ ही मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. मान्यता के अनुसार, इन दिनों में केवल पितृ पूजन ही किया जाना चाहिए. अन्य मांगलिक या शुभ कर्म करने पर वे निष्फल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी कार्य श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों के लिए किया जाता है, उसे ही श्राद्ध कहते हैं. वह बताते हैं कि हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृपक्ष के दिनों में पितृ किसी न किसी रूप में धरती पर आते हैं और अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं, लेकिन खाने-पीने को लेकर हम कुछ ऐसा गलती कर देते हैं, जिससे पितर नाराज हो जाते हैं और हम पर अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है.

‘इन चीजों का सेवन पूरी तरह से है वर्जित’

1- इस दौरान तामसिक भोजन की श्रेणी मे आने वाले लहसुन, प्याज, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

2- चने या इससे बने सत्तू या इससे बनी मिठाई का सेवन भी वर्जित है.

3- मसूर की दाल और कोदा का सेवन भी पितृ पक्ष के दौरान नहीं करना चाहिए.

4- इन दिनों में मांस-मदिरा का सेवन भी नही करना चाहिए.

बता दें कि 29 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो गया है, जो अमावस्या तिथि 14 अक्टूबर तक रहने वाला है. इन दिनों में पिंडदान किया जाएगा.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. LOCAL 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

Tags: Local18, Pitru Paksha

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