पिता से सीखा साड़ी बनाने का हुनर, अब दूर-दूर से ऑर्डर देने आते हैं लोग….

दिलीप चौबे/कैमूर. सिल्क साड़ियां बेहद खूबसूरत होने के साथ महंगी भी होती है. इसके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. हर उम्र की महिलाएं सिल्क की साड़ियां पहनना पसंद करती हैं. चाहे पार्टी में जाना हो या कहीं घूमने, सिल्क की साड़ियां महिलाओं की पहली पसंद होती है. बाजार में आपको सिल्क की दर्जनों क्वालिटी मिल जाएगी. सिल्क की साड़ियों की कीमत का अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है. कैमूर के भभुआ में अभी कुछ कारीगर सिल्क की साड़ियां बनाते हैं. उन्ही में से एक कारीगर सद्दाम हुसैन है. जो अपने पिता से हुनर सीख कर सिल्क की साड़ियां तैयार करते हैं.

कारीगर सद्दाम हुसैन ने बताया कि जब वह 10वीं क्लास में पढ़ते थे तब से अरघा पर साड़ी अपने हाथों से बनाते आ रहे हैं. वह 2013 से लगातार साड़ी बनाते आ रहे हैं. सिल्क साड़ी बनाने का सिलसिला पूर्वजों से चला आ रहा है. पिताजी भी सिल्क साड़ी बनाने का काम करते हैं. पिता जी से पहले दादा जी हाथ से साड़ी बनाने का काम करते थे. अपने पिता से सीख कर ही साड़ी बनाने का काम कर रहे हैं. यह हमारा खानदानी पेशा है. सद्दाम ने बताया कि सिल्क साड़ी अनेकों वैरायटी में आती हैं. जिसमें मुख्य रूप से तसर, कटिया, फ्लोयरी, कतान, मूंगा कोटा सिल्क आदि शामिल है. इन सभी वैरायटी का साड़ी को तैयार करते हैं.

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इन साड़ियों के रहती है भारी डिमांड

सद्दाम ने बताया कि इन सभी में सबसे महंगी कॉटन और तसर की साड़ियां होती हैं. जिसका मूल्य एक हजार रुपए से लेकर 14 हजार रुपए तक होता है. यहां ऑर्डर देने पर ही साड़ियां तैयार करते हैं. जिस प्रकार का आर्डर रहता है उसी आधार पर रेट भी तय होता है. उन्होंने बताया कि सर्दियों में स्टॉल लगाकर भी बिक्री करते हैं. किसी को भी साड़ी लेना हो वो भभुआ के बेलवतिया तालाब के पास शिक्षा विभाग के परिसर के पास आकर ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि सिल्क की साड़ियों का स्पेशल तरीके से केयर ना किया जाए तो खराब हो सकती हैं. सिल्क की साड़ी को स्पेशल केयर की जरूरत होती है ताकि इसका फैब्रिक, रंग, डिजाइन आदि फीका और खराब ना हो.

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