पिता बेचते हैं आइसक्रीम, खुद भी होटलों में धोए बर्तन, अब श्याम बने शिक्षक

राजाराम मंडल/मधुबनी. कहते हैं कि मेहनत सही ढंग से की जाए तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता है. इसके मिसाल के तौर पर आप दशरथ मांझी के बारे में जानते ही होंगे. ऐसा ही कुछ मधुबनी जिले के एक युवक ने कर दिखाया है. जिस लड़के ने संघर्ष के दिनों में कुछ समय तक होटलों तक में काम किया.

बर्तन तक साफ किए. अब वहीं लड़का शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाएगा. जी हां, जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के बलाइन गांव निवासी श्याम सहनी ने बीपीएससी शिक्षक बहाली में सफलता पाई है. श्याम की इस सफलता पर घर से लेकर गांव तक के लोग फूले नहीं समा रहे हैं.

पिता बेचते हैं साइकिल से आइसक्रीम

श्याम सहनी के पिता साइकिल से घूम-घूमकर आइसक्रीम बेचा करते हैं. जबकि घर की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए श्याम सहनी भी बाहर कमाने चले गए. लेकिन काम सिर्फ होटलों में बर्तन धोने का मिला. परिस्थिति ऐसी कि मजबूरी में यह काम भी करना पड़ा. हालांकि पढ़ने का हौसला बरकरार रखा. वे अपने काम के साथ-साथ अपने लक्ष्य पर भी टिके रहे. श्याम कहते हैं कि वह जिसशिक्षक से पढ़ते थे, उन्होंने लगातार हौसला बढ़ाया. वे कहते थे कि तुम इस काम को छोड़कर पढ़ाई करो. तुम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ कर सकते हो.

यह भी पढ़ें : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली ये लड़की… बिहार सरकार में बनी अफसर, बीपीएससी में हासिल की ADM की रैंक

घर पर पढ़ाते थे बच्चों को ट्यूशन

श्याम ने बताया कि शिक्षक की बातों ने उसपर गहरा असर डाला. शिक्षक की बातों को सुनकरश्याम सहनी घर आ गए और कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे. साथ ही बीपीएससी शिक्षक बहाली की तैयारी भी करने लगे. अब उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया है. वहीं, इनके परिवारजनों का कहना है कि लोग हमें बहुत बुरा भला कहा कहते थे. लेकिन बेटे की सफलता ने सबके मुंह को बंद करा दिया है. वे कहते हैं कि हमारे घर में पहला कोई सरकारी शिक्षक बना है.

Tags: Bihar News, Job and career, Local18, Madhubani news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *