रजत भट्ट/गोरखपुर. गोरखपुर की आदित्या यादव पिछले लंबे समय से बैडमिंटन में अपने शहर प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रही है. अपने पिता के साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाली आदित्या यादव मूक बधिर जरूर है, लेकिन बैडमिंटन कोट पर उतरने के बाद उसके सामने सारे प्लेयर फीके पड़ जाते हैं. गोरखपुर के मैत्रीपुरम की रहने वाली 13 साल की आदित्या यादव बैडमिंटन के दाव पेच अपने पिता से ही सीखी हैं. पिता भी बैडमिंटन कोच थे, तो ऐसे में उन्होंने आदित्या यादव को बखूबी तैयार किया है. आदित्या बैडमिंटन में अब तक कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुकी है.
बैडमिंटन में अपना सफर शुरू करने के लिए आदित्या का सबसे अच्छा दोस्त और कोच उनके पिता दिग्विजय यादव ही साबित हुए. दिग्विजय यादव बताते हैं कि बिटिया आदित्या यादव बोल नहीं सकती उसको लेकर काफी चिंता हुआ करती थी, लेकिन बैडमिंटन का टैलेंट उसके अंदर गॉड गिफ्टेड था. फिर उसी टैलेंट को पड़कर पिता दिग्विजय यादव ने काम करना शुरू किया और आदित्या धीरे-धीरे बैडमिंटन के कोर्ट पर बेहतर प्रदर्शन करती गई. दिग्विजय यादव बताते हैं कि, जब आदित्या ओलंपिक में सिलेक्ट हुई थी तो इशारों इशारों में कहती थी. घरवालों से और पिता से की गोल्ड ले आऊंगी. वहीं अब धीरे-धीरे आदित्या ने कई मेडल जीत के यह साबित कर दिया कि, वह जुनून के साथ बैडमिंटन के कोट पर अपना प्रदर्शन करती है.
अंतर्राष्ट्रीय मेडल
ब्राजील टेस्ट ओलंपिक टीम इवेंट में गोल्ड मेडल, एशिया पेसिफिक डेफ यूथ बैडमिंटन चैंपियनशिप के अंडर 21 गर्ल डबल में गोल्ड सिंगल में सिल्वर और मिक्स डबल्स में ब्रांच मेडल, छठे वर्ल्ड डेफ बैडमिंटन चैंपियनशिप में सीनियर वर्ग के डबल में गोल्ड और मिक्स डबल्स में सिल्वर मेडल जीत चुकी है. इसके साथ ही कई ब्रॉन्ज और सिल्वर मेडल आदित्या अब तक जीत चुकी है.
.
Tags: Gorakhapur, Latest hindi news, Local18, UP news
FIRST PUBLISHED : September 13, 2023, 19:20 IST