पिता बनना चाहते थे पुलिस कांस्टेबल,  आज आकाशदीप क्रिकेट मैदान में छुड़ा रहे अंग्रेजों के छक्के

 शिखा श्रेया/रांची. झारखंड की राजधानी रांची के जेएससीए स्टेडियम में भारत- इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट मैच खेला जा रहा है. इस मैच में बिहार के सासाराम के रहने वाले तेज गेंदबाज आकाशदीप ने टेस्ट डेब्यू किया. इस मैच के पहले ही दिन आकाशदीप ने तीन विकेट झटक कर, यह साबित कर दिया है कि वह लंबे रेस का घोड़ा है.लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी की आकाश के पिता उन्हें क्रिकेटर नहीं बल्कि पुलिस कांस्टेबल बनाना चाहते थे.

आकाश के क्रिकेट करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दोस्त वैभव ने कहा कि हमारे जिले तरफ ऐसी मानसिकता है कि जब तक आपका सरकारी जॉब नहीं हो जाता है. तब तक आपका लाइफ सेट नहीं है. गवर्नमेंट जॉब ही सब कुछ है. ऐसा ही सोच आकाश के पिता का भी था. वह चाहते थे कि  बेटा गवर्नमेंट जॉब ले ले और लाइफ सेट कर ले.

पिता बनाना चाहते थे पुलिस कांस्टेबल
वैभव ने आगे कहा कि दरअसल, आकाश के पिता उन्हें खासकर पुलिस कांस्टेबल बनाना चाहते थे. आकाश की हाइट भी अच्छी थी और बॉडी फिट भी था. तो उन्हें लगा इसमें उसका करियर अच्छा बना सकता है. वह आकाश को फॉर्म भरने के लिए भी बार-बार बोलते थे, पर आकाश को इस नौकरी में बिल्कुल भी नहीं जाना चाहता था. इसलिए वह हमेशा खाली फॉर्म जाकर जमा कर देता था. उनके पिता को लगता था कि उसने जब के लिए फॉर्म भर दिया है. उन्होंने आगे बताया कि आकाश शुरू से ही एक बात कहता था कि मै बनूंगा तो बड़ा बिजनेसमैन या क्रिकेटर ही. सरकारी नौकरी में भूलकर नहीं जाऊंगा. क्योंकि, मुझे उसमें मन बिल्कुल नहीं लगता है. जैसा उसने बोला वैसा ही आज क्रिकेटर बनाकर अपने सपने को उड़ान दे दी है.

आकाश के साथ रहोगे तो बिगड़ जाओगे
वैभव ने बताया कि जब आकाश क्रिकेट खेलता था शुरुआत में गली के बच्चे भी उसके साथ खेलते थे. पर अन्य बच्चों के माता-पिता कहते थे कि आकाश के साथ मत खेलों तुम भी बिगड़ जाओगे. वह दिन भर क्रिकेट खेलते है. उसके साथ रहोगे तो करियर बर्बाद हो जाएगा. लेकिन, आकाश को इन सब बातों से फर्क नहीं पड़ता था. उसने हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी दिखाई और डेब्यू मैच में शानदार प्रदर्शन उसका नतीजा है.

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