ग्वालियर. ग्वालियर के राजपूत परिवार के लिए खुशियों ने अचानक बाहें फैला दीं. परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. बेटे की देखते ही मां की और मां को देखते ही बेटे की आंखों से आंसू आ गए. दरअसल, मां, बेटे और परिवार की ये कहानी पूरा तरह फिल्मी है. राजपूत परिवार का बेटा आशू 6 साल पहले लापता हो गया था. पिता की डांट से नाराज दसवीं का छात्र आशू घर छोड़कर मुंबई चला गया था. पुलिस ने 6 साल बाद आशु को तलाश लिया. अब वह न केवल ग्रेजुएट हो चुका है, बल्कि मल्टीनेशनल कंपनी में काम भी कर रहा है. आशु को पुलिस ग्वालियर लेकर आई तो उसे देखकर मां का गला भर आया.
गौरतलब है कि साल 2019 में हजीरा थाने के विजयनगर इलाके में रहने वाला आशु अचानक लापता हो गया था. उसके पिता उसे कोचिंग के लिए डांट फटकार लगाते थे. एक दिन पिता ने उसकी पिटाई कर दी. इस बात से उसके दिल तो ठेस लगी और वह नाराज होकर घर छोड़कर चला गया. बेटे के घर से जाने के बाद परिवार वालों ने हजीरा थाने में उसकी गुमशुद की दर्ज कराई.
पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की. पुलिस ने उसे खूब तलाशा, लेकिन वो नहीं मिला. जब वह नहीं मिला तो अंत में ग्वालियर एसपी ने आशु का पता बताने वाले को 10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की. इस बीच कुछ दिन पहले हजीरा पुलिस को एक अहम सुराग मिला. इस सुराग से उसने आशु को मुंबई से ढूंढ निकाला. आशु को लेकर पुलिस ग्वालियर आ गई. यहां उसने अपनी कहानी बयां करते हुए बताया कि वो घर से भाग कर कानपुर पहुंचा. यहां उसने 7 महीने होटल में काम किया. उसके बाद फिर नोएडा गया. वहां करीब चार महीने काम किया. यहां से वो सीधे मुंबई पहुंच गया.
कहानी पूरी फिल्मी है
मुंबई के अंधेरी वेस्ट में ठिकाना ढूंढा. यहां उसने पान की दुकान पर काम किया. कुछ दिन बाद उसे एक होटल में नौकरी मिल गई. इसके बाद वो रियल स्टेट में काम करने लगा. इस दौरान आशु ने बीएससी पास कर लिया. इसके बाद उसे एक कंपनी में जॉब मिल गई. अब वह मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रहा है. उसे अच्छी तंख्वाह भी मिल रही है. पुलिस के मुताबिक आशु ने अपने पुराने आधार कार्ड से एक सिम खरीदी थी. इसी सिम की लोकेशन के आधार पर उसे मुंबई में तलाश लिया गया.
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FIRST PUBLISHED : January 24, 2024, 16:44 IST