पिता के लिए लिया प्रण; ये शख्स रोज चलता है 60 KM पैदल, वैष्णो देवी पहुंचकर पूरी होगी यात्रा

अनुज गौतम/सागर: पिता के वचन की खातिर प्रभु श्रीराम ने वनवास स्वीकार किया था. ऐसा ही कुछ एमपी के इस शख्स ने भी किया है. अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए 52 वर्षीय मुरलीधर तीर्थों की पैदल यात्रा करते हैं. इस बार वैष्णो देवी जा रहे हैं और 1800 किलोमीटर की यात्रा को वह पैदल चलकर पूरी करेंगे.

दरअसल, मुरलीधर के पिता ने चर्चा के दौरान एक बार कहा था कि वह तीर्थ क्षेत्र पर पैदल जाना चाहते हैं, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं है. तब मुरलीधर ने कहा कि उनकी जगह वह इस यात्रा को पूरा करेगा. कुछ महीनों के बाद उनका स्वर्गवास हो गया. इसके पहले वह अयोध्या सहित बुंदेलखंड के विभिन्न तीर्थ क्षेत्र की पैदल यात्रा कर चुके हैं.

बुंदेलखंड के सभी तीर्थ की यात्रा कर चुके
सागर जिले के सनोदा में रहने वाले मुरलीधर पवार डेढ़ महीने में यह पैदल यात्रा पूरी कर पाएंगे. वह अपने हाथों में माता रानी का ध्वज लेकर चल रहे हैं. बातचीत में बताया कि अब तक चित्रकूट, अयोध्या, बागेश्वर धाम, आभार माता, बागाज माता, अच्छू माता, रानगिर, मैहर माता सहित अन्य धाम की वह पदयात्रा कर चुके हैं. इस बार वह खाटू श्याम, तिरुपति बालाजी, कुरुक्षेत्र होते हुए वैष्णो देवी पहुंचेंगे. बताया कि रोजाना 60 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं.

कश्मीर से कन्याकुमारी वाले हाईवे पर चल रहे
मुरलीधर पवार पेशे से मज़दूर हैं. उन्होंने कहा, जब तक भगवान की कृपा रहेगी शरीर चलता रहेगा, हर साल किसी न किसी धाम की पैदल यात्रा करते रहेंगे. इस बार मां शेरावाली माता का झंडा लेकर यात्रा पर निकले हैं. वह अपनी यात्रा इस समय कश्मीर से कन्याकुमारी जाने वाले नेशनल हाईवे 44 पर कर रहे हैं. हाईवे पर चलते हुए वह खुरई विधानसभा के बांदरी पहुंचे, जहां उन्होंने अपना अनुभव साझा किया. वह अपने साथ करीब 20 किलो का वजन भी लेकर चल रहे हैं.

दिन भर करते यात्रा, रात में रुक जाते
जहां अंधेरा हो जाता है, वहीं पर यात्रा रुक जाती है. सुबह उजाला होते ही आगे बढ़ जाते हैं और अपने साथ खाने-पीने का सामान भी लिए हैं. खुद ही बनाकर खाते हैं. कहीं-कहीं अच्छे लोग मिलते हैं, जिनका सहयोग रहता है. वहीं रास्ते में जितने मंदिर मिलते हैं, उनमें भी दर्शन करते और प्रसाद चढ़ाते हैं.

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