पिछले 5 सालों से जहरीली हो रही दिल्ली की हवा, सबसे प्रदूषित शहरों में इसका नाम

Air Pollution In Delhi-Ncr: दिवाली से पहले राजधानी दिल्ली ने धुंध की चादर ओढ़ ली है. यहां की जहरीली हवा में सांस लेना दूभर हो गया है. सड़कों पर विजिबिलिटी जीरो है. बता दें कि ऐसा सिर्फ इस साल ही नहीं पिछले 5 सालों से हो रहा है, इसलिए दिल्ली को भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जा रहा है. समाचार एजेंसी ANI ने रेस्पिरर की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दिल्ली कैसे दिन प्रतिदिन गैस चैंबर बनती जा रही है. दिल्ली का PM (पार्टिकुलेट मैटर) अक्टूबर माह में 2.5 स्तर पर रहा, जिसके बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक 4 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में वायु प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं लखनऊ और पटना में गिरावट दर्ज की गई है. दिल्ली में 2019 के बाद से प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 के स्तर में तेज वृद्धि (32 प्रतिशत), 2021 में गिरावट (43.7 प्रतिशत), और 2022-23 में लगातार वृद्धि देखी गई. पिछले साल के मुताबिक मुंबई में इस साल वायु प्रदूषण 42 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया. हैदराबाद और कोलकाता दोनों में भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई. 2019 और 2020 के बीच 59 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. 2021 और 2022 में गिरावट देखी गई. 2023 में वापस इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई.

दिल्ली में AQI 400 के पार
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता शुक्रवार को लगातार छठे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार हो गई है. सुबह की तुलना में शाम को धुंध की वजह से स्थिति गंभीर हो जाती है. लोगों को आंखों में जलन, घुटन, थकावट, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही है. डॉक्टर ने लोगों को मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दी है.

आज से नहीं... पिछले 5 सालों से जहरीली हो रही दिल्ली की हवा, भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज हुआ नाम, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा

क्या है PM 2.5? क्यों है इससे खतरा
पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है. इन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है. विजिबिलिटी का स्तर भी गिर जाता. सांस लेते वक्त इन कणों को रोकने का हमारे शरीर में कोई सिस्टम नहीं है. ऐसे में पीएम 2.5 हमारे फेफड़ों में काफी भीतर तक पहुंचता है. पीएम 2.5 बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इससे आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ती है. खांसी और सांस लेने में भी तकलीफ होती है. लगातार संपर्क में रहने पर फेफड़ों का कैंसर होने की आशंका भी है.

Tags: Air Pollution AQI Level, Delhi pollution, Delhi smog tower

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