रितिका तिवारी/ भोपाल. कल से नए साल की शुरुआक होने जा रही हैं. हैरानी की बात ये है कि अभी तक भोपाल समेत प्रदेश भर में एक बार भी शीततलहार नही चली है. आम तौर पर दिसंबर और जनवरी का महीना सबसे ठंडा माना जाता है. मगर इस साल पूरे प्रदेश भर में दिसंबर का महीना पिछले 33 साल के मुकाबले काफी नॉर्मल रहा हैं. साल के आखिरी महीने में भी कड़ाके की ठंड कही नहीं पड़ी है. वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि महीने के अधिकतर दिन रात का तापमान सामान्य से ज्यादा रहा हैं. ऐसा मौसम 34 साल बाद देखने को मिला है. मध्य प्रदेश में ठंड कम पड़ने की वजह से किसानों को भी काफी निराशा देखने को मिला है. गेंहू की फसलों पर भी इसका असर दिख रहा हैं.
यह है मुख्य कारण
प्रदेश में ठंड कम पड़ने के पीछे मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रशांत महासागर में अलनीनो अभी भी सक्रिय है. जिसके कारण मौसम में डिस्टर्बेंस देखने को मिली है. आसमान में बादल तो छाए हुए है, मगर बारिश ज्यादा नही हुई है. जिसकी वजह से कोहरा भी ज्यादा देखने को नहीं मिला है . इसके अलावा ठंड उत्तरी और गर्म नर्म पूर्वी हवाएं आपस में मिलती रही है, जिस वजह से कोहरा भी कम हुआ है. इससे दिन का तापमान कम और रात का तापमान ज्यादा रहा है. जिस कारण प्रदेश में ठंड कम पड़ी और कोहरा भी हर साल के मुकाबले काफी कम है.
फसलों पर रहेगा ये असर
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल में मौसम ठंडा हो सकता है. 1 जनवरी से भोपाल, चंबल, ग्वालियर, सागर, रीवा संभाग में कही कही बारिश होने की संभावना है. जिससे तापमान में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगा.कृषि विशेषज्ञ प्रकाश सिंह रघुवंशी ने आगे बताया कि कम ठंड पड़ने से गेहूं के फसल पर भी काफी असर पड़ेगा. यदि जनवरी में भी ठंड नही पड़ी तो पैदावार में 20% की घटौती हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2023, 11:13 IST