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- TCS ICICI Bank; Market Capitalization (March) 2024 Update | LIC HDFC SBI
मुंबई12 घंटे पहले
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पिछले हफ्ते मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 7 की वैल्यूएशन में ₹65,302.5 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) टॉप गेनर रही है। इसके वैल्यूएशन में ₹19,881.39 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। अब कंपनी का मार्केट कैप ₹14.86 लाख करोड़ है।
दूसरे नंबर पर ICICI बैंक रहा है। बीते हफ्ते इसका मार्केट कैप ₹15,672.82 करोड़ बढ़कर 7.60 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और ITC का भी मार्केट वैल्यू बढ़ी है।
वहीं, मार्केट वैल्यू के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के वैल्यूएशन में ₹3,720.44 करोड़ की गिरावट रही है। इसके अलावा LIC के मार्केट कैप में जहां ₹19,892.12 करोड़ की गिरावट रही है। इंफोसिस का मार्केट कैप ₹9,048.17 करोड़ गिरकर ₹6.87 लाख करोड़ रह गया है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।