दिलीप चौबे, कैमूर: किसान अपने खेतों में सीज़न के अनुसार फसल उगाने के लिए बेहद सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं. गर्मी के दिनों में सब्जियों की मांग बढ़ जाती है. किसान इस समय का उपयोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए कर सकते हैं. ऐसे में करेला की खेती किसानों के लिए बेहतर विकल्प है. करेला औषधीय गुणों से भरपूर होता है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. कैमूर में भी किसान बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं. वहीं कैमूर जिला के भैरवपुर गांव के रहने वाले किसान अनिल सिंह भी एक बीघा में करेला की खेती कर हर सप्ताह 10 हजार की कमाई कर ले रहे हैं.
किसान अनिल सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर बाजार में करेला का भाव 40 से 50 रुपए किलो तक बना रहता है. बुआई के 60 से 70 दिनों में करेला का फलन शुरू हो जाता है. सब्जी की खेती मानसून पर निर्भर है. मौसम का साथ मिलता है सब्जी का बंपर उत्पादन होता है. करेला की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु अत्यधिक उपयुक्त होता है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर होता है. यह खनिज तत्वों से भरपूर होता है.
इसमें पोटेशियम, जिंक, मैग्नेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम,आयरन, कॉपर, मैगनीज पाए जाते हैं. यानी करेला उगाने वाले और खाने वाले दोनों के लिए यह फायदेमंद है.
हर पांचवें दिन 10 हजार की होती है कमाई
किसान अनिल सिंह ने बताया कि आम किसानों की तरह पहले पारंपरिक खेती ही करते थे. लेकिन मुनाफा नहीं हो पा रहा था. वहीं पिछले 7 सालों से सब्जी की हीं खेती कर रहे हैं. जिसमें एक बीघा में प्रमुख रूप से करेला की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर पांचवें दिन खेत से 70 से 80 किलो तक करेला निकल जाता है और इससे 10 हजार की कमाई हो जाती है.
उन्होंने बताया कि मौसम के हिसाब से हीं सब्जी की खेती करते हैं और इससे अच्छा मुनाफा हो रहा है.
पहले बगीचा था तो अमरूद, आम, अनार की खेती होती थी, लेकिन अब बैगन, टमाटर, गोभी, नेनुआ की खेती करते हैं और इसमें पूरे परिवार का सहयोग रहता है.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 06:16 IST