चाहे कोई वेजिटेरियन हो या फिर नॉन वेजिटेरियन, सर्दियों के मौसम का इंतज़ार सभी को रहता है. एक तो इस वक्त सब्ज़ियों की ढेर सारी वरायटी मौजूद होती है, उस पर उनके दाम भी इतने कम हो जाते हैं कि आप मज़े से इतने पकाते और खाते हैं. भारतीय लोगों के घरों में भले ही सर्दियों में हरी सब्ज़ियां भरी पड़ी हों लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसा बिल्कुल नहीं है.
सर्दियों का मौसम आते ही बाज़ार में सब्ज़ियां सस्ती हो जाती हैं लेकिन पाकिस्तान में इस वक्त बिल्कुल उल्टा हो रहा है. यहां जिस कीमत पर एक किलो भिंडी और कद्दू बिक रहे हैं, उतने में तो हम भारतीय झोलाभर सब्ज़ी खरीद लाते हैं. ये कोई मज़ाक की बात नहीं है, वाकई आलू और टमाटर जैसी सब्ज़ियां भी खरीदने में लोगों को जेब टटोलनी पड़ रही है. कीमत बताने से पहले आपको बता दें कि 1 भारतीय रुपये, 3.36 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है. यहां सारे रेट पाकिस्तानी रुपयों के हिसाब से बताए गए हैं.
हरी सब्ज़ियों में लगी है पाकिस्तान में आग
पाकिस्तान में चुनाव ज्यादा दूर नहीं है. ऐसे में राजनीति के साथ-साथ यहां सब्ज़ियों के दाम में भी आग लगी हुई है. सोशल मीडिया तक पर लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में कोई भाजी-सब्ज़ी नहीं खा सकता. यहां के ग्रोसरी ऐप GrocerApp.pk के रेट्स के मुताबिक एक किलो भिंडी 460 रुपये में बिक रही है. सीज़नल सब्ज़ियां जैसे गोभी-गाजर का भी रेट 200 और 250 रुपये प्रति किलो तक है. आलू की कीमत पाकिस्तान में 77 रुपये किलो और प्याज़ 183 रुपये में बिक रहा है.
चुनावी मौसम में बढ़ी महंगाई
ये तो बात रही हरी सब्ज़ियों की. इसके अलावा अदरक-लहसुन जैसी सब्ज़ियों की नज़र उठाकर देखना भी मानो गुनाह हो गया है. अदरक की बात करें तो ये 128 रुपये का 250 ग्राम यानि 512 रुपये किलो है, जबकि लहसुन की कीमत साढ़े सात सौ रुपये किलो तक पहुंच गई है. ऐसा नहीं है कि सब्ज़ियां ही इतनी महंगी हैं, यहां दूध भी 270 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. ऐसे माहौल में पाकिस्तानी नेताओं को चुनावी दावे और वादे करने से पहले भी एक बार सोचना ही पड़ेगा कि वे अवाम को इसमें से क्या और कितना दे पाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2023, 08:30 IST