पाकिस्तान में लश्कर के पूर्व कमांडर की हत्या: कश्मीर में हमला करने वाले आतंकियों को कट्टरपंथी बनाता था; PAK में देता था भारत-विरोधी भाषण

13 घंटे पहले

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तस्वीर लश्कर के पूर्व कमांडर अकरम खान की है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

तस्वीर लश्कर के पूर्व कमांडर अकरम खान की है। (फाइल)

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व कमांडर अकरम खान की हत्या कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खाइबर पख्तून्ख्वा के बजौर शहर में बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने अकरम पर गोली चलाई। अकरम खान को अकरम गाजी के नाम से भी जाना जाता है। वो 2018 से 2020 तक लश्कर में भर्ती के लिए जिम्मेदार था।

अकरम अक्सर पाकिस्तान में भारत विरोधी भाषण देता रहता था। वो आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए जिम्मेदार था, जो फिर कश्मीर घाटी में घुसपैठ करते थे। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि गाजी की मौत को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI दबाने की कोशिश कर रही है।

तस्वीर पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की है। एयरफोर्स स्टेशन पर हमला करने वाले चारों आतंकवादियों को उसने ही भेजा था।

तस्वीर पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की है। एयरफोर्स स्टेशन पर हमला करने वाले चारों आतंकवादियों को उसने ही भेजा था।

1 महीने में 4 आतंकियों की हत्या
गाजी की हत्या हाल के दिनों में लश्कर के किसी टॉप आतंकवादियों की तीसरी हत्या है। वहीं इस साल ये किसी आतंकवादी कमांडर की मौत से जुड़ा छठा मामला है। इससे पहले 5 नवंबर को 2018 में जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ख्वाजा शाहिद की LOC के पास हत्या हो गई थी।

इसके अलावा खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद अहंगर, बशीर अहमद पीर जैसे तमाम आतंकियों को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। पिछले महीने पाकिस्तान में भारत के एक और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या कर दी गई थी। अज्ञात हमलावरों ने लतीफ की सियालकोट में गोली मार दी थी। लतीफ 2016 में पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था।

इससे पहले सितंबर में अज्ञात बंदूकधारियों ने PoK के रावलकोट में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकवादी की पहचान रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम के रूप में हुई थी।

आपस में ही लड़ रहे लश्कर के आतंकी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाफिज सईद के एक और करीबी कैसर फारूक की भी कुछ अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। फारूक की हत्या से जुड़े कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसमें 6 लोग उसे गोली मारकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमालुद्दीन के भाई तलहा की भी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है।

2019 में हाफिज सईद के दूसरे बेटे तलहा पर भी जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें वो बाल-बाल बचा था। तलहा लश्कर का फाइनेंस संभालता है। उसे ये जिम्मेदारी मिलने पर लश्कर में काफी सालों से काम कर रहे आतंकियों ने ऐतराज जताया था। गुटबाजी को बढ़ने से रोकने के लिए ISI ने आतंकी संगठन के कुछ नेताओं को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है।

फरवरी-मार्च में मारे गए 4 और आतंकी
इसके अलावा, फरवरी-मार्च के बीच भी 4 आतंकियों की हत्या हुई थी। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन का लॉन्चिंग कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम, ISIS आतंकी एजाज अहमद अहंगर, अल बद्र का पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा, कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वाला सैयद नूर शालोबर शामिल हैं। इन सबकी पाकिस्तान या अफगानिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी।

तस्वीर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद की है। (फाइल)

तस्वीर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद की है। (फाइल)

1990 में बना लश्कर-ए-तैयबा
लश्कर-ए-तैयबा साउथ एशिया के सबसे बडे़ इस्लामी आतंकवादी संगठनों में से एक है। हाफिज मुहम्मद सईद ने इसकी स्थापना 1990 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में की थी। हाफिज लश्कर को फिलहाल पाकिस्तान के लाहौर से ऑपरेट करता है। मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की जिम्मेदारी इसी संगठन ने ली थी।

जनरल परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन में 12 जनवरी, 2002 को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यूनाइटेड नेशन्स ने इसे मई 2005 में बैन किया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर लश्कर की फंडिंग और हाफिज सईद को पनाह देने के आरोप हैं।

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