27 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

तस्वीर बलूचिस्तान मेें धमाके के बाद अपने परिजनों की मौत पर दुख जाहिर करते शख्स की है। ( फोटो- अलजजीरा)
पाकिस्तान में शुक्रवार को हुए 2 आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। इस बीच पाकिस्तान ने आरोप लगया है कि इन धमाकों में भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी का हाथ है। पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर यानी गृह मंत्री सरफराज बुगती ने कहा – मिलिट्री और दूसरे संस्थान हमले में शामिल तत्वों के खिलाफ मिलकर हमला करेंगे। इन धमाकों में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ भी शामिल है।
अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। डॉन के मुताबिक यही वजह है कि पाकिस्तान के नेता भारत पर आरोप लगाने लगे हैं। वहीं, पुलिस ने धमाकों की जांच शुरू कर दी है। हमले की जगह से DNA सैंपल इकट्ठे कर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट ने भी अज्ञात लोगों के खिलाफ एक FIR दर्ज की है।
शनिवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर क्वेटा पहुंचे। यहां उन्होंने आतंकी हमलों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा इन आतंकियों का धर्म और विचारधारा से कोई वास्ता नहीं है। ये पाकिस्तान के दुश्मनों के मुख्तार हैं। उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात भी की।

तस्वीर केयर टेकर गृह मंत्री सरफराज बुगती की है। (फाइल फोटो)
ISIS और TTP के बेस पर हमलों की तैयारी
एक तरफ जहां पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर ने हमलों का आरोप भारत पर लगाया है। वहीं पाकिस्तान अपने भीतर पनप रहे आतंकी संगठन TTP, यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और ISIS के बेस पर हमले करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, हमलों के तुरंत बाद TTP ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि इनमें किसी तरह से उनका हाथ नहीं है। वो मस्जिदों पर हमले नहीं करते। 29 सितंबर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए दोनों हमले मस्जिदों के पास हुए।
बलूचिस्तान के मास्तूंग में हुए हमलों पर वहां के DSP ने बताया है कि सुसाइड बॉम्बर पैदल चलकर मदीना मस्जिद तक पहुंचा था। जहां कई सौ लोग और बच्चे झंडे लेकर जुलूस निकालने का इंतजार कर रहे थे। हमलावर ने मौलाना के पहुंचने तक का इंतजार किया और फिर धमाका कर दिया।

ये शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा में मस्जिद के पास हुए धमाके की फुटेज है।
सूचना मंत्री बोले- विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में शांति भंग कर रहे दुश्मन
पहले धमाके वाले दिन बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा था- हमारे दुश्मन विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में धार्मिक जगहों को निशाना बनाकर शांति भंग करना चाहते हैं। इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। बलूचिस्तान में सरकार के मंत्रियों और दूसरे कई नेताओं ने हमले की निंदा की है।
दरअसल, बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) की हुकूमत चलती है। यह संगठन पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहा है। बलूचिस्तान के नागरिक 1947-1948 से ही खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते। इसके बावजूद ये प्रांत किसी तरह पाकिस्तान के नक्शे पर मौजूद रहा। इन्हें दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता रहा।
पंजाब, सिंध या खैबर पख्तूनख्वा की तरह उन्हें कभी अपने जायज हक भी नहीं मिले। वक्त गुजरता रहा और इसके साथ ही इनका गुस्सा भी बढ़ता गया।