पाकिस्‍तान: चित्राल में TTP का आर्मी हेडक्‍वार्टर पर कब्‍जा, फौजी काफिलों पर किया हमला

इस्‍लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) या पाकिस्तानी तालिबान ने पिछले हफ्ते चित्राल के कुछ गांवों पर कब्जा कर लिया था, तब से खैबर पख्तूनख्वा में तनाव है. इधर, सोशल मीडिया साइटों पर मौजूद एक अज्ञात सोर्स वाले वीडियो के अनुसार, टीटीपी ने चित्राल के आर्मी हेडक्‍वार्टर पर कब्‍जा कर लिया है. हालांकि वीडियो की पुष्टि नहीं हो सकी है. इधर पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने स्वीकार किया कि पिछले हफ्ते तालिबान के हमले में सेना के 4 जवान मारे गए थे.

आईएसपीआर ने कहा कि रविवार को गोलीबारी में 7 तालिबान आतंकवादी मारे गए. टीटीपी ने अर्धसैनिक बलों के काफिले पर बम हमले के बाद एक सैनिक को मार डाला था. पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी द्वारा नवंबर में सरकार के साथ अपना संघर्ष विराम समाप्त करने के बाद, पाकिस्तान में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.

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तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान ने ली विस्फोट की जिम्मेदारी
वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) ने बताया कि सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में कम से कम एक सैनिक की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली है. हमले का निशाना अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कोर का काफिला था. बड़ी संख्या में हथियारों से लैस टीटीपी आतंकवादियों ने हाल ही में अफगान सीमा के पास उत्तरी चित्राल इलाके में पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियों पर हमला किया था.

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वायरल वीडियो में टीटीपी के आतंकियों को चित्राल के आर्मी हेडक्‍वार्टर पर कब्‍जा करते हुए दिखाया गया है. (फोटो- Video grab)

तालिबान ने चित्राल में सेना मुख्यालय पर कब्ज़ा कर लिया
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रसारित वीडियो में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों को चित्राल में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर कब्जा करते हुए दिखाया गया है. कुछ वीडियो में उन्हें पाकिस्तानी झंडे पर पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया है. वीडियो सत्यापित नहीं किया जा सका है और स्रोत अज्ञात बना हुआ है. दरअसल, चित्राल का स्थान रणनीतिक महत्व रखता है क्योंकि यह अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करता है और चीन के झिंजियांग क्षेत्र के करीब है. इसके अतिरिक्त, यह ताजिकिस्तान से केवल वाखान कॉरिडोर द्वारा अलग किया गया है.

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अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बना सकती है टीटीपी
हाल ही में तालिबान की घुसपैठ पारंपरिक कलश क्षेत्रों के करीब हुई, और चित्राल भी एक बड़ी इस्माइली आबादी का घर है. कलश, पाकिस्तान में एक धार्मिक, जातीय और भाषाई अल्पसंख्यक समुदाय है और यह उन्हें तालिबान आतंकवादियों का निशाना बनाता है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ानी होगी क्योंकि तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान का अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने का इतिहास रहा है.

2023 में 200 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
टीटीपी का अफगानिस्तान की लगभग 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा के पास या उससे लगे स्थानों पर कई बम विस्फोटों और आतंकवादी गतिविधियों में हाथ रहा है. उसने मुख्य रूप से सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया और जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों लोगों की मौत हुई. यह बात एक पूर्व अफगान कमांडर के दावों के बीच आई है कि अफगानिस्तान गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है क्योंकि तालिबान गुटबाजी से त्रस्त है. देश तेजी से विदेशी आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है. पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि इस साल देश भर में हुए हमलों में 220 से अधिक सैनिक और अधिकारी मारे गए हैं.

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अफगानिस्तान में कम से कम 4,000 टीटीपी लड़ाके सक्रिय
इस्लामाबाद का दावा है कि भगोड़े टीटीपी नेता और लड़ाके अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकानों से इन हमलों को निर्देशित कर रहे हैं. उनका दावा है कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में बहाली ने टीटीपी को सीमा पार हमलों में वृद्धि को सशक्त और सहायता प्रदान की है. टीटीपी नेतृत्व ने आधिकारिक तौर पर अफगान तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदज़ादा के प्रति वफादारी की प्रतिज्ञा की है. संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में कम से कम 4,000 टीटीपी लड़ाके सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.

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