खास बातें
- इमरान खान को ‘नैतिक अधमता’ का दोषी ठहराया गया
- पांच साल की अयोग्यता अब भी बरकरार है
- अदालत ने दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिये जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नामांकन पत्र भ्रष्टाचार के एक मामले में ‘‘नैतिक अधमता” के अपराध में दोषी ठहराए जाने और अन्य कारणों से खारिज कर दिया गया. निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) ने इसकी जानकारी दी. नैतिक अधमता (नैतिक रूप से भ्रष्ट आचरण) का आशय ऐसे कृत्य से है जिससे समुदाय की भावना या स्वीकृत व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन होता है.
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इमरान खान को ‘नैतिक अधमता’ का दोषी ठहराया गया
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 71 वर्षीय संस्थापक और उनके कई वरिष्ठ सहयोगियों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए. ‘डॉन’ अखबार ने सोमवार को यह खबर प्रकाशित की. आठ पन्नों के विस्तृत फैसले में लाहौर की नेशनल असेंबली की सीट (एनए- 122) के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (इस्लामाबाद) के फैसले का हवाला दिया, जिसमें खान को ‘नैतिक अधमता’ का दोषी ठहराया गया है.
पांच साल की अयोग्यता अब भी बरकरार है
तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में खान को दोषी ठहराए जाने के मुख्य कारण के अलावा, उनके नामांकन पत्र के खिलाफ आपत्तियां उठाई गईं क्योंकि पीटीआई के संस्थापक के प्रस्तावक और अनुमोदक संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से नहीं थे. हालांकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान की सजा को निलंबित कर दिया है, लेकिन तोशाखाना मामले में नेशनल असेंबली के लिए उनकी पांच साल की अयोग्यता अब भी बरकरार है .
अदालत ने दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया
आरओ ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर से नेता बने पूर्व प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के कारण प्रभावित हुई है, साथ ही उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी अदालत ने दोषसिद्धि को निलंबित या रद्द नहीं किया है.
फैसले के हवाले से खबर में कहा गया है, “उपरोक्त के आलोक में, आपत्तिकर्ता मियां नसीर अहमद द्वारा प्रतिवादी इमरान अहमद खान नियाजी के खिलाफ लगाए गए आरोप कानूनी और ठोस प्रकृति के हैं जिससे प्रतिवादी के खिलाफ मामला बनता है. अत: एनए-122 से प्रतिवादी का पर्चा खारिज कर दिया गया है.” पीटीआई पार्टी ने शनिवार को शीर्ष चुनाव निकाय द्वारा खान और पार्टी के कई अन्य दिग्गजों के नामांकन पत्रों को ‘मामूली आधार’ पर खारिज करने की निंदा की थी.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)