नई दिल्ली:
पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार कमजोर होती जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड(International monetary fund) पाकिस्तान को बचा पाएगा. IMF ने वित्त वर्ष 2024 के लिए पाकिस्तान के विकास दर का अनुमान घटा कर 2% कर दिया है. पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाया है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता बढ़ती जा रही है.
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पाकिस्तान में क़र्ज़-विकास दर अनुपात अभी 70% से ज़्यादा है. क़र्ज़-विकास दर का कम अनुपात स्वस्थ्य अर्थव्यवस्था का एक पैमाना माना जाता है. अगले महीने IMF का 3 बिलियन डॉलर का कर्ज कार्यक्रम ख़त्म हो रहा है. अगस्त से चल रही कामचलाऊ सरकार IMF के क़र्ज़ कार्यक्रम पर अमल कर रही है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्राभंडार बेहद निचले स्तर पर पहुंच गया है. जानकारों का मानना है कि चुनावी नतीजों की वजह से पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता की वजह से हालात और बिगड़ सकते हैं. एक व्यापक आर्थिक संकट का ख़तरा बरक़रार है.
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